कोटा। बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अर्पित जैन ने बताया कि बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन, सृष्टि सेवा समिति कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की संयुक्त टीम ने सांगोद थाना क्षेत्र अंतर्गत हो रहे नाबालिग बालिका के बाल विवाह को मौके पर जाकर रुकवाया तथा परिजनों को जिला प्रशासन की टीम द्वारा बाल विवाह न करने को लेकर पाबंद किया गया।
जिला बाल संरक्षण इकाई कोटा के सहायक निदेशक अर्पित जैन ने बताया कि उन्हें सांगोद थाना क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह की सूचना मिली थी। सांगोद थानाधिकारी हीरालाल व पुलिस मय जप्ता, चाइल्ड हेल्पलाइन के कोऑर्डिनेटर नरेश मीणा, सुपरवाइजर श्रुति शर्मा, सुपरवाइजर श्रुति शर्मा तथा सृष्टि सेवा समिति के अंकेश नामा ने बाल विवाह रुकवाया। संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि सांगोद के गांव में शादी की तैयारी चल रही थी मौके पर बालिका के आयु के दस्तावेज देखे गए तो बालिका 17 वर्ष की पाई गई तथा अन्य दस्तावेज मौके पर नहीं मिले, बालिका की शादी श्योपुर मध्य प्रदेश को शादी के लिए सांगोद कोटा में लाया गया था, जिस पर पुलिस व टीम ने तुरंत बालिका के बाल विवाह की आशंका को देखते हुए अपने संरक्षण में लिया। बालिका के मेहंदी लगी हुई थी। बालिका की काउंसलिंग बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ द्वारा की गई तथा बालिका को बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए बाल विवाह एक अपराध है तथा बाल विवाह न करने के लिए समझाया गया। टीम द्वारा बालिका को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ के समक्ष पेश किया गया। बालिका को तेजस्विनी बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिलवाया गया। आगे की करवाई जा रही है।