आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान कम रखते हैं और जब किसी प्रकार की समस्या के बारे में पता चलता है तो सेहतमंद रहने के तरीके ढूंढते हैं। दरअसल, बीते कुछ सालों में लोगों की जीवनशैली और खानपान की आदतों में कई तरह के बदलाव आए हैं, जिनका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और हार्मोन इंबैलेंस, थायराइड समेत कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं से निजात पाने और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप टंक विद्या योग का सहारा ले सकते हैं। टंक विद्या योग तकनीक न केवल आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाती है बल्कि थायराइड में सुधार करती है और शरीर में एनर्जी लेवल को भी बढ़ाती है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने टंक विद्या योग के फायदे और इसका अभ्यास करने का तरीका बताया है। 

टंक विद्या योग के फायदे

डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी हीलिंग जर्नी शेयर करते हुए बताया है कि कैसे टंक विद्या योग के अभ्यास से उनके शरीर में थायराइड और एनर्जी के लेवल में सुधार हुआ है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर हुई है। डॉक्टर ने बताया कि टंक विद्या योग का अभ्यास शरीर में थायराइड हेल्थ (हाशिमोटो, हाइपोथायराइड, ग्रेव्स, हाइपरथायराइड और यहां तक कि थायराइड नोड्यूल के लिए बहुत बढ़िया) को बेहतर बनाने में मदद करता है और फेफड़ों की क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

1. गहरी सांसें लेने और छोड़ने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और इम्यूनिटी मजबूत होती है।

2. टंक विद्या योग थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है, जो हाशिमोटो, हाइपोथायराइड, ग्रेव्स डिजीज और थायराइड नोड्यूल्स जैसी समस्याओं में लाभकारी है।

3. इस योग तकनीक के बाद किया गया जाप और ध्यान ज्यादा लाभ प्रदान करता है, जिससे मन को शांति मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।

4. टंक विद्या योग इडा और पिंगला नर्व्स को खोलता है और सुषुम्ना नर्व तथा विशुद्धाख्य केंद्र को जाग्रत करता है।

टंक विद्या योग का अभ्यास कैसे करें?

पद्मासन या सुखासन में बैठें और दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में रखें, अब दोनों नथुनों से गहरी सांस लें और कुछ देर तक रोककर रखें। अब बिना मुंह खोले ॐ के जाप के साथ सांस छोड़ें और अपने सिर को ऊपर-नीचे इस तरह घुमाएं कि यह स्वरयंत्र पर दबाव डाले। यह प्रक्रिया तब तक जारी रखनी चाहिए, जब तक कि सांस पूरी तरह से ठीक न हो जाए। इसे दो या तीन बार किया जा सकता है।

थायराइड ग्रंथि की भूमिका

1. थायरॉइड ग्रंथि शरीर में मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है।

2. एनर्जी को बनाए रखने और वजन कंट्रोल रखने में सहायक होती है।

3. थायराइड हार्मोन बालों के विकास में सहायक होता है।

4. थायरॉइड ग्रंथिमहिलाओं में मासिक चक्र को नियमित रखती है।

5. यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है।

6. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है।

7. थायराइड मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

8. थायराइड ग्रंथि अन्य हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखती है।

डॉक्टर दीक्षा ने बताया कि उन्हें कुछ साल पहले हाशिमोटो थायराइडिटिस का पता चला था (जिसमें थायराइड एंटीबॉडी आपके थायराइड हार्मोन को मार देते हैं और आपको हाइपोथायराइड बना देते हैं/आपका TSH बढ़ा देते हैं)। डॉक्टर दीक्षा ने आयुर्वेदिक जीवनशैली, योग और प्राणायाम के साथ-साथ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से अपने थायराइड को नियंत्रित किया है।