जयपुर शहरों की तर्ज पर अब गांवों में भी गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर उसे ड्रेनेज सिस्टम के जरिए फिर से उपयोग में लाने का प्लान तैयार किया गया है। खासकर प्लान उन स्थानों पर सबसे पहले लागू किया जाएगा जो वर्षों से जल संकट का सामना करते आ रहे हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर मंत्री मदन दिलावर को भेजा है, विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस प्लान को सभी ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस योजना को जल समृद्ध गांव नाम दिया गया है, इसके पीछे राजस्थान सरकार की मंशा है कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सभी गांवों में पानी की किल्लत नहीं हो। इस योजना के तहत गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर उसका शुद्धिकरण कर रोजमर्रा के कामों, पशुओं, कृषि और उद्योगों में उपयोग में लिया जाएगा। ग्राम पंचायत में जहां भी अंतिम जल निकासी स्थल है, वहां गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर उसी के पास ईंटों से जालीदार चुनाई कर एक या दो स्लम वेल बनाए जाएंगे। इसी तरह खेतों के आसपास भी नरेगा के तहत खुले कुएं बनाए जाएंगे। इसके बाद ग्राम पंचायत प्रशासन एकत्रित जल को आवश्यकता के मुताबिक उपयोगिता के लिए तय करेगा। जल उपयोग व्यवस्था करने के लिए ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी के नियम भी तय होंगे।