नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस हफ्ते की शुरुआत में हुई दो दिवसीय रूस यात्रा को लेकर अमेरिका की नाराजगी साफ तौर पर सामने आ गई है। एक तरफ जहां जो बाइडन प्रशासन के एक उच्चाधिकारी की तरफ से भारतीय विदेश मंत्रालय को फोन करके अपनी नाराजगी जताने की सूचना सामने आ रही है, वहीं नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने यहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम में परोक्ष तौर पर मोदी की रूस यात्रा को लेकर काफी तल्खी भरी बातें कहीं।

अभी सिर्फ शांति बहाली की बात करने का समय नहीं- गार्सेटी

उन्होंने रूस से हथियार खरीदने की भारतीय रणनीति पर भी सवाल उठाया है और साफ तौर पर कहा कि भारत को रक्षा साझीदार के तौर पर अमेरिका व रूस में से किसी एक का चयन करना होगा। साथ ही यह भी याद दिलाया कि आज सबसे बहेतरीन रक्षा उपकरण अमेरिका ही बना रहा है और वह इन हथियारों को भारत के साथ साझा करने को भी तैयार है।

पीएम मोदी की पुतिन के साथ चार बार मुलाकात हुई

 

प्रधानमंत्री मोदी आठ-नौ जुलाई को रूस यात्रा पर थे। इस दौरान उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चार बार मुलाकात हुई। मोदी की यात्रा के पहले ही दिन रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित बच्चों के एक अस्पताल पर हमला किया था। मोदी ने इस मुद्दे को दो बार पुतिन के सामने उठाया और बच्चों की मौत पर हृदय छलनी होने का बयान दिया। साथ ही युद्ध के मैदान से शांति बहाली नहीं होने का संदेश भी पुतिन को दिया।

 

गार्सेटी ने यहां तक कहा, 'मैं भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का आदर करता हूं, लेकिन युद्ध के समय कोई रणनीतिक स्वायत्तता नहीं होती।' इसी तरह प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से शांति स्थापित करने की बात करने की तरफ इशारा करते हुए गार्सेटी ने कहा कि अभी सिर्फ शांति बहाली की बात करने का समय नहीं है, बल्कि जो लोग शांति भंग कर रहे हैं उन्हें दंड भी दिलाना होगा।