नई दिल्ली। उत्तर भारत में पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी वर्षा के कारण परेशानी बनी हुई है। पहाड़ों में जहां वर्षा के साथ हुए भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ राजमार्ग 72 घंटे से बंद है। वहीं, सड़कों और चारधाम के विभिन्न पड़ावों पर 2800 यात्री फंसे हुए हैं।दूसरी ओर उत्तराखंड में शारदा व राप्ती नदियों में उफनाने से शाहजहांपुर के 70 से अधिक गांव और जिले का मेडिकल कालेज जलमग्न हो गए। वहीं, बिहार में भी वर्षा और नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी भर गया है। उप्र और बिहार में वज्रपात से भी गुरुवार को 26 लोगों की मौत हो गई।
बद्रीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध
उत्तराखंड के जोशीमठ के पास अवरुद्ध बद्रीनाथ राजमार्ग तीन दिन बाद भी नहीं खुल पाया है। इस कारण मार्ग के दोनों तरफ 2,800 से अधिक यात्री फंसे हुए हैं। बुधवार को इन यात्रियों ने वाहनों में और विभिन्न पड़ावों पर रात गुजारी। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब, सेना, व्यापारी और स्थानीय निवासी यात्रियों के लिए भोजन का प्रबंध कर रहे हैं।
फिलहाल, एसडीआरएफ की मौजूदगी में गुरुवार को 500 से अधिक यात्रियों की पैदल सुरक्षित आवाजाही कराई गई। राजमार्ग बाधित होने से जोशीमठ विकासखंड में उपचुनाव कराने गई 15 पोलिंग पार्टी भी 12 घंटे तक अपने-अपने बूथ में फंसी रहीं। चार पोलिंग पार्टी को हेलीकॉप्टर से गोपेश्वर लाया गया। मार्ग बंद होने से दूध, पेट्रोल, गैस सिलेंडर समेत अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित हो गई है।
उप्र में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर आया बाढ़ का पानी
उप्र में गुरुवार को दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी तीन फीट तक पानी भर गया है। राहत कार्य में एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें लगाई गई हैं। वहीं, शारदा व राप्ती नदियों के उफनाने और पीलीभीत के दियूनी डैम से छोड़े पानी से गर्रा नदी उफना गई, जिससे शाहजहांपुर के 70 से अधिक गांव और जिले का मेडिकल कालेज जलमग्न हो गए। यहां से मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है।