सुकेत क्षेत्र में डिंगसी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल परिसर में पेड़ के नीचे लगी तीसरी कक्षा की दो छात्राओं को अपनी कार को छाया में खड़ा करने के लिए पीछे ले रही एक शिक्षिका ने रौंद दिया। दुर्घटना में दोनो छात्राएं बुरी तरह घायल हुई है। जिन्हें झालावाड़ अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जिनकी हालत में सुधार बताया गया है।

जानकारी के अनुसार कार स्कूल परिसर में पढ़ाई कर रही तीसरी कक्षा की दो मासूम बालिकाओं को रौंदते हुए पिल्लर से जा टकराई। जिससे दोनो मासूम कार के नीचे दबने से बुरी तरह घायल हो गई। आनन फानन में कार चला रही शिक्षिका आशा गुप्ता नीचे उतरी और कार के नीचे दबी दोनो बालिकाओं को बाहर निकाला। अचानक हुई दुर्घटना को देख स्कूल में पड़ रहे अन्य बच्चे सहम गए। वही हादसे के बाद स्कूल में भगदड़ मच गई। पिल्लर से टकराने की तेज आवाज सुन स्कूल में पड़ा रहे अन्य शिक्षक व शिक्षिकाओ सहित ग्रामीण भी मौके पर पहूंचे। इसके बाद निजी कार से दोनो घायल बालिकाओं को झालावाड़ अस्पताल ले जाया गया। सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक नरेंद्र पारीक व पुलिस जवान मौके पर पहूंचे। जिन्होंने हंगामा कर रहे ग्रामीणों से समझाइश कर मामला शान्त करवाया। इसके बाद पुलिस ने स्कूल में मौजूद शिक्षकों व अन्य लोगो से मामले की जानकारी जुटाई।

स्कूल के बच्चो ने बताया कि शिक्षिका आशा गुप्ता अपनी नई कार को स्कूल परिसर में लगे पेड़ की छाया में खड़ी कर रही थी। वही पेड़ की छाव के नीचे तीसरी कक्षा के करीब 15 बच्चे बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान शिक्षिका अपनी कार को पीछे लेकर आई और पढ़ाई कर रहे बच्चो को रौंदते हुए पिल्लर से जा टकराई। जिसमे पिल्लर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वही जीविका और बरखा कार के नीचे दब गई। जिनको गम्भीर चोटें आई है। दुर्घटना में एक अन्य बालक भी कार की चपेट में आया था, लेकिन वो बाल-बाल बच गया।

स्कूल में अध्यनरत कक्षा 8 की छात्रा ने बताया कि करीब साढ़े 11 बजे थे। वही तीसरा पीरियड चल रहा था। मे पानी पिने के लिए कक्षा से बाहर आई तों परिसर मे कक्षा 3 के करीब 15 से 16 विद्यार्थी परिसर में लगे पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे थे। जहां कोई शिक्षक या शिक्षिका कक्षा में मौजूद नही था। केवल बच्चे बैठकर पड़ रहे थे। इसी दौरान शिक्षिका आशा गुप्ता अपनी कार मे बैठी और कार को चालू किया। थोड़ी दूर वो अपनी कार को धीरे धीरे लाई। उसके बाद कार अचानक से तेजी से पीछे आई। जिसे देख मै जोर से चिल्लाई स्कूल मे थोड़ी ही देर मे सब इधर उधर भागने लगे। वही दो बालिकाएं कार के निचे दब गई। कार के पास खून बहने लगा। शिक्षिका कार से उतरी और दोनों बच्चियों को कार के निचे से निकाला। थोड़ी देर मे आवाज सुन ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहूंचे। ज़िसके बाद दोनों बच्चियों के सिर में चोट आने पर अस्पताल भेज दिया गया।

सरपंच राकेश योगी ने बताया कि हादसा हुआ तब घर पर ही था। स्कूल के सामने ही घर बना हुआ है। शिक्षिका पिछले 8 वर्षों से स्कूल में पड़ा रही है। जो हार्ट की मरीज भी है जो रोज सुबह कोटा से कार लेकर स्कूल आती है। जिनकी उम्र करीब 55 वर्ष के करीब है। गुरुवार को भी शिक्षिका 5 दिन पहले ली अपनी नई कार से स्कूल पहुचीं थी। जिन्होंने अपनी कार को स्कूल परिसर में पार्क किया था। दोपहर करीब 12 बजे के आसपास पार्किंग में धूप आ गई। जिसके चलते शिक्षका अपनी कार को छाया में खड़ी कर रही थी। इसी दौरान जैसे ही शिक्षिका ने कार को पीछे लिया तो अचानक कार की रफ्तार तेज हो गई। शिक्षिका कुछ समझ पाती इससे पहले ही कार पौधे की जाली को तोड़ते हुए पढ़ाई कर रहे बच्चो को रौंदते हुए पिल्लर से टकरा गई। इसके बाद हादसे में घायल बच्चो को तुरंत अपने वाहन में डालकर झालावाड़ अस्पताल लेकर पहूंचे। जिसमे शिक्षका भी घायल बालिकाओं के साथ गई। जहां मौजूद चिकित्सको ने घायल बालिकाओं का उपचार किया। जो अब खतरे से बाहर है।

थानाधिकारी रघुवीर सिंह ने बताया कि हादसे की सूचना पर मौके पर पहूंचे थे। मामले में जानकारी जुटाई गई है। अभी घायलों के परिजनों द्वारा किसी भी प्रकार का मामला दर्ज नही करवाया गया है। वही घायल जीविका पुत्री राजू और बरखा पुत्री प्रेमचंद का झालावाड़ अस्पताल में उपचार चल रहा है जो फिलहाल ठीक है।