अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले से ही वो खुद और उनके कई बड़े नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है और अब आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी के नेता अपने शीर्ष नेता पर गंभीर आरोप लगा कर साथ छोड़ रहे हैं। बुधवार को आप के पूर्व नेता और मंत्री राजकुमार आनंद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और BSP में शामिल हुए थे, अब अब वो BJP में शामिल हो गए हैं। उनके साथ ही आप के सिटिंग एमएलए करतार सिंह तंवर, रत्नेश गुप्ता, सचिन राय, पूर्व विधायक वीना आनंद और पार्षद उमेद सिंह फोगाट ने भी दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में पार्टी ज्वाइन की। अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुके राजकुमार आनंद ने बुधवार को भाजपा का दामन थामने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दलितों के साथ धोखा और छल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह केजरीवाल सरकार में मंत्री थे। लेकिन, दलितों का कोई काम नहीं हो पा रहा था। वह लगातार दलितों के हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर केजरीवाल के पास जाते थे। लेकिन, दलितों का काम करने में उनकी रुचि नहीं है। दिल्ली सरकार में दलित कल्याण फंड में भी घोटाला किया गया, इसलिए उन्होंने केजरीवाल सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। यहां तक कि दलितों के नाम पर दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बावजूद केजरीवाल ने एक भी दलित को राज्यसभा सांसद नहीं बनाया।राजकुमार आनंद ने अप्रैल में आप सरकार से इस्तीफा देने के बाद बसपा का दामन थामा था। लेकिन, बुधवार को उन्होंने अपनी पत्नी वीणा आनंद के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इन दोनों नेताओं के साथ-साथ आप विधायक करतार सिंह तंवर, आप पार्षद उमेद सिंह फोगाट और आप नेता रत्नेश गुप्ता सहित कई आप नेताओं ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।