कोटा. ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार सोलर सेक्टर को बढ़ावा दे रही है। प्रयास है कि राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ ही सौर उपकरणों की असेंबलिंग तथा मैन्यूफैक्चरिंग हब बने। उन्होंने इसके लिए सोलर उपकरण निर्माण से जुड़े उद्यमियों से सुझाव भी मांगे। ऊर्जा मंत्री जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान सोलर एसोसिएशन की ओर से हो रहे भारत सोलर कंपोनेंट एक्सपो में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने पीएम कुसुम योजना के लाभार्थियों तथा सोलर उपकरणों की निर्माण इकाइयों से जुड़े उद्यमियों से संवाद ने भी किया। कहा कि स्थानीय स्तर पर सोलर कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के लगने से सोलर पैनल, सोलर केबल, एल्युमिनियम स्ट्रक्चर की निर्माण लागत में कमी आएगी। वहीं युवाओं को इस उभरते सेक्टर में रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकेंगे। ऊर्जा मंत्री ने कैबिनेट में हाल ही अक्षय ऊर्जा नीति-2023 तथा राजस्थान भू- राजस्व नियम, 2007 के प्रावधानों में संशोधन का जिक्र किया। बताया कि प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए डीएलसी दर के साढ़े सात प्रतिशत पर भूमि का आवंटन हो सकेगा। इससे पहले राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल, यूनिट्स सीईओ नितिन अग्रवाल, वरिष्ठ सोलर उपाध्यक्ष मनोज गुप्ता आदि ने स्वागत व आभार व्यक्त किया। ऊर्जा मंत्री ने युवाओं एक्सपो का अवलोकन भी किया।