AMT vs AT गाड़ियों में कई तरह के ट्रांसमिशन सिस्टम दिए जाते हैं। इनमें अधिकतर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं। इस लेख में हम आपको ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन और ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन के बारे में बताने वाले हैं। AT महंगी गाड़ियों में दिया जाता है। इसमें लगे सेंसर्स स्थिति के अनुसार खुद ही गियर बदल देते हैं। आइए इनके बारे में जान लेते हैं।

वर्तमान समय में आने वाली गाड़ियों में कई तरह की आधुनिक तकनीकों को शामिल किया जाता है। यही कारण है कि गाड़ी खरीदते वक्त हर किसी की चाहत एक अच्छे फीचर्स वाली गाड़ी खरीदने की होती है।

इस लेख में हम आपको गाड़ियों में दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा के बारे में बताने वाले हैं। जो कि ट्रांसमिशन है गाड़ियों में अनेकों तरह के ट्रांसमिशन मिलते हैं जिनको लेकर अक्सर कन्फ्यूजन होता है। चलिए इनके बारे में जान लेते हैं।

ट्रांसमिशन क्या होता है?

आसान भाषा में समझें तो, ट्रांसमिशन सड़क और पहिये की सतह के बीच घर्षण की गति को संभव बनाता है। इसको गियरबॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह सिस्टम वाहन की जरूरतों और ड्राइविंग स्थितियों के साथ काम करने के लिए इंजन आउटपुट की गति और टॉर्क को बदलने के लिए गियर का उपयोग करके ऐसा करता है।

ट्रांसमिशन के प्रकार

मुख्य तौर पर ट्रांसमिशन दो तरह के होते हैं, जो कि मैनुअल ट्रांसमिशन और ऑटोमैटिक हैं। पहले के समय में अधिकतर गाड़ियां मैनुअल ट्रांसमिशन (Manual Transmission) के साथ ही आती थीं। लेकिन अब ग्राहक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन (Automatic Transmission) के साथ आने वाली गाड़ी को ज्यादा तरजीह देते हैं।

मैनुअल ट्रांसमिशन- इसमें ड्राइवर को पेडल और गियरशिफ्ट लीवर का उपयोग करके गियर शिफ्ट करने की जरूरत होती है। स्थिति के अनुसार वह अपने हिसाब से गियर बदल सकता है।

ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन- इस तरह के ट्रांसमिशन में ड्राइवर को मशक्कत नहीं करनी पड़ती है बल्कि, ये काम खुद गति और स्थिति के हिसाब से गाड़ी में लगे सेंसर्स कर रहे होते हैं।