मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वांकाराम चौधरी ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मौसमी बीमारियों पर रोकथाम का प्रभावी प्रबंधन किया जाए। इसमें किसी तरह की कमी नहीं रहे। सीएमएचओ ने बताया कि अन्तर्विभागीय समन्वय करते हुए बचाव एवं नियंत्रण के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप देवात के द्वारा शहरी क्षेत्रों में 52 टीमों का गठन किया गया और वो टीमें घर घर सर्वे का कार्य शहरी क्षेत्रों में करेगी व उप जिला अस्पताल सिवाना प्रभारी डॉ. देवराज के द्वारा 30 टीमों का गठन किया गया है वो टीमें घर घर सर्वे का कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि ओडीके एप द्वारा मौसमी बीमारियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के नवाचार को और सुदृढ़ किया जायेगा। शहरी क्षेत्रों में फोगिंग कार्य नगर परिषद के द्वारा किया जायेगा।डेंगू, मलेरिया पर नियंत्रण की स्थिति गत वर्ष से बेहतर है, लेकिन मानसून को देखते हुए सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मानसून में जल स्रोतों की संख्या में वृद्धि होने से मच्छर का प्रजनन अधिक होता है। साथ ही, भारत सरकार एवं जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चक्रीय पैटर्न के दृष्टिगत इस वर्ष देश में मच्छर जनित रोगों के अधिक प्रसार की सम्भावना व्यक्त की है। इसे देखते हुए बचाव एवं नियंत्रण की वांछित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
सीएमएचओ डॉ. वांकाराम चौधरी ने आमजन को मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए जागरूक करने पर बल दिया। साथ ही, मौसमी बीमारियों की जिला स्तर पर होने वाली रिपोर्टिंग का मूल्यांकन कर संबंधित खंडों को फीडबैक एवं सुधार के उपाय किए जाने हेतु निर्देशित किया।
सीएमएचओ ने कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टलों में डेंगू एवं मलेरिया से बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर एवं हॉस्टल आदि में नियमित निरीक्षण करने के साथ ही विद्यार्थियों को सावधानियां अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए।