कश्मीर में बदलते हालात के बीच अब वार्षिक अमरनाथ यात्रा का स्वरूप भी बदल रहा है। एक समय था जब कश्मीर में डर और खौफ के साये में यह यात्रा होती थी।
ऐसे में देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु जम्मू से दैनिक जत्थे के साथ सुरक्षा घेरे में ही यात्रा करने को प्राथमिकता देते थे लेकिन अब जैसे-जैसे कश्मीर के हालात बदल रहे हैं, श्रद्धालु बेखौफ होकर सीधे कश्मीर पहुंच रहे हैं।
जिन श्रद्धालुओं ने अभी तक अपना यात्रा पंजीकरण नहीं करवाया है, वे भी सीधे बालटाल व पहलगाम आधार शिविर पहुंच रहे हैं और वहीं पर अपना तत्काल पंजीकरण करवाकर यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं। यहीं कारण है कि अब जम्मू से जत्थे के साथ रवाना होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम होती जा रही है।