केंद्र सरकार इस माह पेश होने वाले बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण पर मिलने वाली सब्सिडी को 50 फीसदी तक बढ़ाने की योजना बना रही है। ग्रामीण आवास योजना के लिए सब्सिडी की राशि को 32,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 55,000 करोड़ रुपए करने की तैयारी में है। सरकार ग्रा मीण इलाकों के विकास पर खर्च बढ़ाने की भी योजना बना रही है, जिसके अंतर्गत गांव की सडक़ों और उन युवाओं के लिए रोजगार कार्यक्रम शामिल हैं जो खेती के अलावा अन्य क्षेत्रों में कम मौकों की वजह से खेती पर ही निर्भर हैं। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह 2016 में शुरू हुए ग्रामीण आवास कार्यक्रम पर केंद्र के सालाना खर्च में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी। बजट में गरीबों के लिए 2 करोड़ ग्रामीण घर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अगले कुछ वर्षों में 4 लाख करोड़ रुपए तक आवंटित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 2.63 लाख करोड़ रुपए होगा। सत्ता संभालने के कुछ समय बाद मोदी सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 3 करोड़ घर बनाने में मदद करने की योजना की घोषणा की है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रति घर के लिए सरकारी सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। पहले यह राशि 1.2 लाख रुपए थी, जिसे अब बढ़ाकर लगभग 2 लाख रुपए करने का सुझाव दिया गया है।