बूंदी। अतिक्रमी की धमकी के बाद धरने पर बैठने वाले किसान की सदमे से मौत के मामले में करीब 12 घंटे बाद वार्ता में सभी बिन्दूओं पर सहमति बनने के बाद धरना समाप्त हो गया। शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, प्रशासन ने रास्ता बहाल कर दिया है तथा धमकी देने के आरोप में एक जने को हिरासत में लिया गया है।

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महावीर कुल्फी सेन्टर - बूंदी

महावीर कुल्फी सेन्टर की और से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

हिण्डोली उपखंड के ग्राम सिंघाड़ी में स्थित खाते की कृषि भूमि से अतिक्रमण हटाने व आम रास्ता बहाल कराने की मांग को लेकर पिछले दिनों परिवार सहित धरने पर बैठे किसान को अतिक्रमी द्वारा धमकी दिए जाने के बाद सदमे में मौत होने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने ग्रामीणों के साथ अस्पताल में प्रदर्शन किया व अस्पताल के बाहर जाम लगा दिया। सूचना पर पुलिस भी अस्पताल पहुंची, जहां प्रदर्शकारियों की भीड़ बढ़ने लगी तो पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया। परिजनों ने शव उठाने से इनकार करते हुए मुल्जिमो की तुरंत गिरफ्तार करने, मृतक के आश्रितों को 50 लाख का मुआवजा देने, आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफतार करने व एसडीएम को एपीओ करने की मांग करते हुए परिजनों ने शव के साथ उपखंड कार्यालय के बाहर धरना लगा दिया।

 इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया, इसके बाद आसपास के तीन थानों का जाप्ता बुलाकर तैनात किया और बूंदी से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा ने धरना स्थल पर पहुंचकर परिजनों से बात की। परिजन सूबह से देर शाम तक ग्रामीणों के साथ अपनी मांगो पर अड़े रहे। मृतक किसान के पुत्र रामूलाल राठौर ने पूरे मामले में प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि पुलिस थाने, तहसील व विधायक अशोक चांदना की जनसुनवाई में भी प्रशासन से आम रास्ते की बहाली की गुहार लगाई गई, लेकिन प्रशासन ने सुनवाई नहीं की। 

मृतक के परिजनों ने कहा कि ग्राम सिंघाड़ी में कैलाश के खाते कब्जे काश्त की भूमि पर आरोपी कल्याण, फोरू और मुकेश सैनी और उसके परिजनों ने अवैध कब्जा कर लिया है। आरोपियों ने दोनों और के रास्ते भी बंद कर दिए है। आये दिन लड़ाई झगड़े करते है। मामले को लेकर पीड़ित किसान कैलाश चंद राठौड़ ने प्रशासन में सुनवाई नही होने पर 26 अप्रैल से 28 जून तक उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना देकर आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की थी। मृतक कैलाश के पुत्र रामूलाल ने बताया कि उसके पिता के द्वारा धरना देने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिससे बेखोफ अतिक्रमी ने दुकान व घर पर आकर भी धमकाया जिसके चलते सदमे से उसके पिता की मौत हो गई। 

अगर प्रशासन समय रहते कार्यवाही करता तो आज वो जिन्दा होते। देर शाम उपखंड कार्यालय में जिला प्रशासन और पीडित परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में वार्ता हुई। वार्ता में धमकी देने वाले पर कार्रवाई, आर्थिक सहायता के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने और परिवार के एक सदस्य को नगर पालिका में नोकरी देने का आश्वासन दिया गया। वहीं प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाकर रास्ता बहाल कराया और एक आरोपी को हिरासत में लिया गया। शव का पोस्मार्टम की कार्रवाही की जा रही है।