भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने गूगल क्रोम ओएस को लेकर अपडेट जारी किया है। अगर आप भी गूगल क्रोम ओएस डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं तो इस अपडेट को जानना जरूरी है। गूगल क्रोम ओएस में कई खामियां पाई गई हैं। इन खामियों का फायदा अटैकर्स उठा सकते हैं।

गूगल क्रोम ओएस के लिए सरकार की ओर से एक जरूरी अपडेट जारी किया गया है। अगर आप भी गूगल क्रोम ओएस डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं तो इस अपडेट को जानना जरूरी है।

दरअसल, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने यूजर्स को चेतावनी दी है।

क्रोमओएस में पाई गई हैं खामियां

CERT-In का कहना है कि क्रोमओएस में कई तरह की खामियां पाई गई हैं। इन खामियों की वजह से गूगल क्रोम ओएस डिवाइस यूजर्स साइबर अपराधियों का टारगेट बन सकते हैं।

CERT-In की ओर से दी जा रही यह चेतावनी गंभीर (high severity warning) है। यानी इस चेतावनी पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है।

CERT-In की ओर से साफ किया गया है कि अटैकर्स टारगेटेड सिस्टम पर मनमाना कोड निष्पादित कर यूजर्स का फायदा उठा सकते हैं।

सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में क्या कहा गया है

दरअसल, , भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर सिक्योरिटी एजेंसी की ओर से यह एडवाइजरी 1 जुलाई को जारी की गई है।

इस एडवाइजरी में बताया गया है कि क्रोमओएस के लिए LTS चैनल में कई खामियां मौजूद हैं। 120.0.6099.315 (प्लेटफॉर्म वर्जन: 15662.112) से पहले के Google ChromeOS वर्जन के लिए LTS चैनल प्रभावित हैं।

यूजर्स को कैसे पहुंच सकता है नुकसान

साइबर वॉचडॉग का कहना है कि ये खामियां Google Chrome OS में WebRTC में हीप बफर ओवरफ्लो औ कारण मौजूद हैं।

इसमें कहा गया है कि अटैकर अपने टारगेट को विशेष रूप से तैयार किए गए वेब पेज पर जाने के लिए राजी कर इन कमज़ोरियों का फ़ायदा उठा सकता है।