आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद का कांवड़ यात्रा और ईद को लेकर दिया गया बयान सुर्खियों में है. दरअसल, चंद्रशेखर ने कहा था कि कांवड़ यात्रा के लिए 10 दिन तक रास्ते बंद हो सकते हैं, लेकिन दिक्कत 20 मिनट की नमाज से होती है. इस पूरे मामले को सियासत शुरू हुई तो चंद्रशेखर आजाद ने एक खास बातचीत में इस बयान को लेकर अपनी भावना जाहिर की. उन्होंने कहा कि मैं जो धार्मिक गैर-बराबरी देख रहा हूं, उसके खिलाफ और संविधान के अनुरूप ही मैंने ये बयान दिया है.

मैं प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य सभी मुख्यमंत्रियों को याद दिलाना चाहता हूं जब उन्होंने शपथ ली होगी कि धर्म-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेंगे. सारे फैसले संविधान और विधि के अनुरूप करेंगे. मेरा सवाल यही है कि जब कांवड़ यात्रा होती है तो हम सभी उसका सम्मान करते हैं. 12-15 दिन तक सड़कें बंद रहती हैं, कई बार अस्पताल जाना है तो भी सड़कें बंद होती हैं. स्कूल भी बंद हो जाता है, क्योंकि हम आस्था का सम्मान करते हैं. इस पर्व के आयोजन में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए जनता सब कुछ स्वीकार करती है. फूलों से स्वागत करती है और खाने-पीने का इंतजाम करती है.

मेरा सवाल है कि ईद का त्योहार साल में दो बार होता है. उस वक्त नमाज के समय 15-20 मिनट होता है. जब हम एक धर्म की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं तो संविधान के अनुरूप ही दूसरे धर्म का भी सम्मान करना चाहिए. यही संविधान कहता है. क्या आप अपने बच्चों के बीच भेदभाव करते हैं? नहीं ना, तो यहां क्यों.