बूंदी। भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रति वर्ष 29 जून को प्रो. पी.सी. महालनोबिस के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर ‘‘सांख्यिकी दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है।
आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, जयपुर के निर्देशानुसार इस वर्ष भी 29 जून शनिवार को सांख्यिकी दिवस 2024 के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय कार्यशाला एवं समारोह का आयोजन हुआ। यह 18वां सांख्यिकी दिवस’ ‘यूज डाटा फोर डिसिजन मेकिंग ’थीम पर आधारित आयोजित किया गया। समारोह में अध्यक्षता जिला रसद अधिकारी शिवजीराम जाट द्वारा की गई। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा प्रो. पी.सी. महालनोबिस के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला रसद अधिकारी ने कहा कि सांख्यिकी क्षेत्र में प्रो. पी.सी. महालनोबिस का योगदान अतुलनीय है। भारत के आर्थिक नियोजन में महालनोबिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महालनोबिस के योगदान से सांख्यिकी कार्य संपादन में सरलता आई है। उन्होंने कहा, हम सभी उनके सिद्धांतों पर चलते हुए बूंदी जिले के विकास के लिए कार्य करें। कॉलेज प्रोफेसर संजय भल्ला द्वारा कहा कि महालनोबिस के सैंपल सर्वे की संकल्पना के आधार पर ही वर्तमान युग में बड़ी-बड़ी नीतियां एवं योजनाएं बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी का वजूद महालनोबिस से ही है। उन्होंने कहा कि हम उनके पदचिन्हें पर चलते हुए उन्हें जीवन में अंगीकार करें। साथ ही यूज डाटा फोर डिसिजन मेकिंग ’थीम पर आधारित वर्तमान परिदृश्य में विज्ञान, वाणिज्य गणित ,अर्थशास्त्र ,सामाजिक, कला, साहित्य विभिन्न विषय क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध हुआ है। कार्यक्रम में सांख्यिकी अधिकारी गणेश कुमार, रविंद्र कुमार बधवा ने  वर्तमान परिदृश्य में आ रही चुनौतियों, डेटा सुरक्षा, सरकार द्वारा नई योजनाएं बनाने उपयोगिता पर बिंदुवार भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में जिला सांख्यिकी रूपरेखा पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। उप निदेशक सांख्यिकी वैधनाथ भील ने भी विषय पर आयोजित कार्यशाला एवं विभिन्न शैक्षणिक गतिविधयों के बारे में संक्षिप्त रूप से परिचय दिया। कार्यशाला में सहायक सांख्यिकी अधिकारी सुरेंद्र मीणा, कमल कुमार, महिपाल गोड, रामनरी मीणा, महेश वर्मा, हर्षिता जैन, हेमंत कुमार सहित अन्य कर्मचारी गण मौजूद रहे।