उत्तर प्रदेश लखनऊ में,भारतीय जनता पार्टीं की ताकत से डरी समाजवादी पार्टीं।मालूम होकि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में,लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के हौसले बुलंद हैं। जिसके बाद समाजवादी पार्टीं उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में, मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा कर रही हैं।इससे पहले एमएलसी चुनाव की एक सीट को लेकर हलचलें तेज हो गईं हैं। ये सीट समाजवादी पार्टीं से एमएलसी रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। लेकिन, अब समाजवादी पार्टीं इस चुनाव से अपने पैर पीछे खींचती हुई, दिखाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टीं इस चुनाव में, अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी।उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में, स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई। एमएलसी सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है। जिसके लिए दो जुलाई तक नामांकन होना है। लेकिन, समाजवादी पार्टीं की ओर से इस चुनाव उपचुनाव को लेकर अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है। समाजवादी पार्टीं इस उपुचनाव से अलग रहेगा। हालांकि इस पर आखिरी फैसला श्री अखिलेश यादव को लेना है। उनकी तरह से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने विधायकों के संख्याबल को देखते हुए। उपचुनाव में, नहीं उतरने का फैसला किया है। समाजवादी पार्टीं के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए। संख्याबल नहीं है, वहीं संख्या के हिसाब से भारतीय जनता पार्टीं की जीत तय माना जा रहा है। ऐसे में समाजवादी पार्टीं हारी हुई। बाजी पर दांव लगाना नहीं चाहती है। वहीं दूसरी तरफ अभी तक भारतीय जनता पार्टीं की ओर से भी। उम्मीदवार को लेकर पत्ते नहीं खोले गए हैं।उत्तर प्रदेश विधानपरिषद उपचुनाव के लिए। नामांकन की आखिरी तारीख 2 जुलाई हैं, जिसके लिए 12 जुलाई को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक वोटिंग होनी है। शाम पांच बजे वोटों को मतगणना होगी, जिसके बाद नतीजों का एलान कर दिया जाएगा। ये सीट विधानसभा कोटे की हैं। ऐसे विधायकों की संख्याबल के हिसाब से जीत तय होगी। जाहिर बीजेपी के पास ज्यादा विधायक है ऐसे में, उनकी जीत तय मानी जा रही है। आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टीं पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए, पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही एमएलसी पद से भी त्यागपत्र दिया था।