सवाई माधोपुर। एक तरफ जहाँ शादियों में हजारों लाखों रुपये ख़र्च शानों- शोक़त से आयोजन किये जाते हैं, वहीं राजस्थान के सवाई माधोपुर के सूरवाल कस्बे में एक ऐसी शादी देखने को मिली जहाँ पर न कोई संगीत, न बारात, न लड़की वालों की तरफ से खाना और न दहेज लिया गया। इस अनोखी शादी की चहुंओर चर्चा हो रही है।

दरअसल, सूरवाल निवासी ज़ाफिर अली ओगवान के बेटे मोहम्मद सैफ का निकाह मोहम्मद अंसार ओगवान कि बेटी अजरा तबस्सुम से 27 जून 2024 को दोपहर जोहर की नमाज़ के बाद मस्ज़िद में बडत्री सादगी के साथ हुआ। लड़का और लड़की पक्ष वाले दोनों का ही मानना है की इस्लाम में निक़ाह को आसान बताया गया, जिसे जनता ने ख़ुद दहेज और बारात व दूसरी रस्मों की वजह से कठिन बना लिया है। लड़का और लड़की पक्ष वाले दोनों की तरफ से इस बात पर सहमति बनी की हमें निक़ाह को आसान इस्लामिक तरीके पर करना है। जिससे समाज में बरसों से चली आ रही कुरीतियों को ख़त्म किया जा सके।

आपको बता दें कि मोहम्मद अंसार साहब जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के रुक्न हैं जो कि 2022 में अपने बेटे मोहम्मद वासिफ (ैप्व् मेम्बर) का निक़ाह भी बगैर किसी बारात व दहेज़ के कर चुके हैं। निक़ाह से पहले मौलाना सरफ़राज़ फलाही ने निक़ाह के कार्यक्रम में मौजूद पुरुष व महिलाओं को निक़ाह का सुन्नति तरीक़ा बताया और समाज में फैली हुई कूरूतियों के खि़लाफ़ खड़े होने का आह्वान किया।

शहर क़ाज़ी निसरुल्लाह के बेटे ने निक़ाह पढ़ाया, जिसके बाद दूल्हे पक्ष वालों की तरफ़ सभी लोगों को छुआरे तक़सीम किये गए। निक़ाह में दुल्हन को मैहर के तौर पर 26400 के गहने दिए गए।

दुल्हन के भाई तौसीफ़ अहमद ने बताया कि निक़ाह के समय मोहम्मद दाऊद खां, आज़म अली, ज़ुबैर अहमद, अब्दुर्रज़्ज़ाक़ ओगवान, उस्मान शैख़, असलम मास्टर, मोहम्मद अली शैख़, आरिफ अली, फरियाद ओगवान, मोहम्मद आसिफ़, फरीद डायमंड, अब्दुल बारी, जमील अहमद, नफ़ीस डायमंड, रियाज़ अहमद, अल्लानूर खां आदि मौजूद थे।