हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ ग्रहण के बाद जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और फिर जय फिलिस्तीन बोला. अब इसी बात को लेकर सियासत गरमा गई है. सभापति हालांकि इसे रिकॉर्ड से हटा चुके, लेकिन कई वरिष्ठ वकील मांग कर रहे हैं कि ओवैसी की सदस्यता निरस्त कर दी जाए. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 102 (4) का हवाला दिया जा रहा है. जानिए, क्या है ओवैसी का मामला.
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन ये सारी घटना हुई. ओवैसी ने फिलिस्तीन की जय बोलने के बाद कहा कि वे हाशिए पर पड़े लोगों के मुद्दे उठाते रहेंगे. हालांकि नारे पर राजनीति शुरू हो गई. विपक्षी दल, खासकर बीजेपी ने उनसे माफी मांगने की मांग की. यहां तक कि एडवोकेट विनीत जिंदल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि उन्होंने फिलिस्तीन के लिए निष्ठा दिखाने पर ओवैसी को अनुच्छेद 102 (4) के तहत अयोग्य ठहराने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट हरिशंकर जैन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से असदुद्दीन ओवैसी के लिए यही मांग की.