टोंक। मोटरसाइकिल चोरी की घटनाओ पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने कार्रवाई करते हुए टोंक और बूंदी जिले से गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से करीब एक दर्जन चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गई है, ये चोर ऐशो आराम की जिंदगी जीने के लिए मोटरसाइकिल की चोरी करते थे। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए चोरों की आपराधिक कुंडली को खंगालते हुए अन्य चोरी की वारदात को पर्दाफाश करने में जुटी हुई है।
मंदिरों और पार्कों के बाहर से मोटरसाइकिल करते थे चोरी
टोंक के बड़ा कुआं और रोडवेज डिपो इलाके में मन्दिरों और पार्कों के बाहर से लगातार मोटरसाइकिल की चोरी की वारदातों की शिकायतें पुलिस को मिल रही थी। इस पर पुलिस ने एक टीम का गठन किया और सीसीटीवी फुटेज के साथ ही डिजिटल साक्ष्यों ओर मुखबिर नेटवर्क की सहायता से जब तहकीकात शुरू की तो पुलिस को एक दो अपराधियों की मोटर साइकिल चोरी की वारदात में संलिप्तता पाई गई। उसके बाद पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को टोंक ओर बूंदी जिले से गिरफ्तारी करने में कामयाबी हासिल की, साथ ही उनके पास से चोरी की 1 दर्जन मोटरसाइकिल बरामद हुई।
टोंक थाना कोतवाली पुलिस की पकड़ में आये पांचों चोर मुख्य सरगना नवल सैनी, विशाल उर्फ कालू, सादिक उर्फ गुड्डू, हफीज और दानिश ऐशो आराम और नशे की जिन्दगी जीने के आदी हैं। मुख्य आरोपी नवल सैनी शहर के पार्कों और मंदिरों के बाहर आने वाले मोटरसाइकिलों की रेकी करता था और जैसी ही मालिक मंदिर या पार्क में जाता था। यह मास्टर चाबी की सहायता से मोटरसाइकिल के लॉक को तोड़ देता और उसे लेकर फरार हो जाता था और फिर बाइक को बूंदी या अन्य जगह ले जाकर सस्ते दामो में बेच देता था।
चोर गैंग की पहली पसंद होती थी स्प्लेंडर गाड़ियां
चोर गैंग के सदस्य गाड़ी चोरी करते समय इस बात का ध्यान रखते थे कि चुराई गई गाड़ी स्प्लेंडर या हीरो प्लस होनी चाहिये, जिससे वह बाजार में आसानी से बिक जाए। यही कारण है कि जब 12 मोटर साइकिल इन चोरों से बरामद की तो उसमें से 11 मोटर साइकिले स्प्लेंडर या हीरो प्लस मिली जो कि बाजार में आसानी से बिक जाती है।