राजस्थान में इन दिनों राजनीतिक पारा हाई है. भारतीय आदिवासी पार्टी और बीजेपी सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान के बाद आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सांसद ने ब्लड सैंपल भेजने की बात कही है. वहीं आदिवासी समाज इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहा है.  राजकुमार रोत ने ट्वीट कर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "बहुत जल्द ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सरकारी आवास पर मेरा ब्लड सैंपल भेजा जायेगा, और हर आदिवासी के घर से सैंपल भेजने का अभियान चलाया जायेगा. मंत्री जी DNA टेस्ट मशीन की व्यवस्था करके रखें." रोत ने मदन दिलावर से माफी मांगने और इस्तीफे देने की मांग की है. वहीं बीजेपी से निष्कासित करने की मांग रखी है. रोत ने कहा अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे देशभर में हर आदिवासी के घर से ब्लड सैंपल, नाखून और बाल के सैंपल सीएम को भेजा जाएगा. विवाद बढ़ने के बाद शिक्षा मंत्री मंत्री मदन दिलावर ने यू टर्न लेते हुए कहा कि आदिवासी हमारे हिंदू समाज के अभिन्न अंग हैं, अपने बयान को लेकर मदन दिलावर ने कहा, "मुझसे कल पूछा गया कि कुछ लोग खुद को हिंदू नहीं मानते हैं तो मैंने ये कहा था कि हम डीएनए की जांच करा लेंगे या फिर वंशावली देखने वालों को दिखवा देंगे. लेकिन इस बयान को आदिवासी से जोड़ दिया गया. मैं कहना चाहता हूं कि आदिवासी समाज के लोग श्रेष्ठतम है जिन्होंने सालों से पेड़ों की रक्षा की जिनसे हमें प्राणवायु मिलती है. आदिवासी समाज के लोग हिंदू समाज के श्रेष्ठतम लोग हैं." शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा था, "कोई देश को तोड़ने, समाज को तोड़ने की गतिविधियां प्रारंभ करे तो उसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. वह (आदिवासी) हिंदू हैं कि नहीं..वह तो उनके पूर्वजों से पूछ लेंगे. वंशावली लिखने वालों लोगों से पूछे लेंगे. अगर हिंदू नहीं है तो फिर उनके DNA की जांच करवा लेंगे कि वह अपने बाप की औलाद है की नहीं".