कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने अनवांछित टेलीमार्केटिंग कॉल और मैसेज पर अंकुश लगाने के लिए मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे को टेलीकॉम कंपनियां और टेलीकॉम रेगुलेटर्स ने तैयार किया है। इस मसौदे पर मंत्रालय ने लोगों से 21 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं। इस मसौदे में उन कॉल पर रोक लगाने का प्रस्ताव है जो ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हैं।

प्रोमोशनल कॉल और टेक्स्ट मैसेज जैसे अनचाहे और अवांछित बिजनेस कॉम्युनिकेशन पर अंकुश लगाने के लिए कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे की गाइड लाइन पर मंत्रालय ने 21 जुलाई तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।

ये गाइड लाइन टेलीकॉम कंपनियां और टेलीकॉम रेगुलेटर्स ने तैयार किए हैं, जिसका उद्देश्य अनचाहे प्रमोशनल कॉल पर अंकुश लगाता है। हालांकि इसमें पर्सनल कॉम्युनिकेशन शामिल नहीं है।

किन कॉल्स पर लागू होंगी गाइड-लाइन्स

  • मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा कि ये दिशा-निर्देश उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं पर लागू होंगे जो इस तरह प्रमोशनल कॉल या मैसेज करते हैं। इस गाइड लाइन रिसीवर की सहमति या रजिस्टर्ड सभी तरह के बिजनेस कॉम्युनिकेशन को शामिल किया गया है।
  • इस गाइडलाइन के अनुसार, अनरजिस्ट्रर्ड नंबर या एसएमएस हेडर के यूज, रिसीवर के ऑप्ट-आउट करने के बावजूद कॉल, डिजिटल कन्सेंट विफल होने के बाद भी यूजर को कॉल आती हैं तो इन्हें अनऑथराइज्ड करार दिया गया जाएगा।
  • इसके साथ ही कॉल करने वाले अगर अपनी पहचान या फिर ऑप्ट-आउट का विकल्प नहीं दिया जाता है तो भी इन्हें अनऑथराइज्ड माना जाएगा।
  • इस मौसेदे में इस तरह की कॉमर्शियल कॉल पर रोक लगाने का प्रस्ताव है, जो भारतीय दूरसंचार विनियमन प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों का उल्लंघन करते हैं।