क्षेत्र के किसान प्रतिनिधियों ने खरीफ की फसल के लिए 1जुलाई से नहरों में पानी प्रवाहित करने के लिए और उससे पूर्व किसानों को आश्वस्त करने की मांग को लेकर संभागीय आयुक्त कार्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया। संभागीय आयुक्क्त को अपना मांग पत्र सौंपा क्षेत्र लगभग 100 गांवो से अधिक किसान प्रतिनिधि धरने में शामिल हुए किसानों को संबोधित करते हुए युवा किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि नहरी पानी पर किसानों का अधिकार है जिसे कोई नही छीन सकता पिछले वर्ष भी जब किसानों की फसलें खेतों में सूख रही थी तब भी किसानों को संघर्ष करना पड़ा और नहरों में पानी छूटा। इस वर्ष भी किसानों को लड़ाई लड़नी पड़ रही हे जबकि प्रशासन को 2 महीने पूर्व ही अपनी मांग से अवगत करवा दिया था की किसानों को नहरों में पानी की आवश्यकता 1 जुलाई से होगी क्योंकि बिना नहरी पानी के फसल करना संभव नहीं है किसानों को अतिरिक्त हानि उठानी पड़ती है उसके बाद भी फसल तैयार नहीं होती केवल नहर का पानी ही उसे बचा सकता है । गौतम ने कहा की ये संपूर्ण आंदोलन दलीय और जातीय भावना से ऊपर उठकर है इस लिए सरकार और प्रशासन सीधा किसानों से वार्ता करे उन्होंने कहा की कोई भी नेता अपने बयानों से किसानों को भ्रमित करने की कोशिश नही करे अगर कोई किसानों का भला चाहता हे तो सरकार और प्रशासन से वार्ता करे किसानों ने धरने में निर्णय लिया की अगर प्रशासन 1 जुलाई से नहरों में पानी छोड़ने को लेकर किसानों को आश्वस्त नहीं करता हे तो किसान 2 जुलाई को के.पाटन क्षेत्र और बूंदी के गांवो से अपने अपने ट्रैक्टरों के साथ कोटा बेराज कुच करेंगे और खुद नहरों के गेट खोलेंगे इस दौरान कोई भी घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ट्रैक्टर मार्च की तैयारियों को लेकर अलग अलग गांवो की जिम्मेदारी किसानों को बांट दी गई। गांवो में लगातार बैठके होंगी धरने की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार ने की धरने को किसान नेता हरजिंदर सिंह, दिलबाग सिंह, पुष्पचन्द गुर्जर, छीतर मीणा, भेरू मीणा, निर्मल सिंह, सुखविंदर सिंह, जसपाल बल, भंवर लाल चौधरी, विजेंद्र सिंह, रूप शंकर सुमन, लोकेश गौतम, राजेंद्र मीणा, राम स्वरूप पहाड़, शंकर लाल नागर, चंद्र कैलाश, लेटर मीणा, किशन मीणा, बृजभान सिंह ललित शर्मा आदि ने भी संबोधित किया धरने के बाद किसानों ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंप अपनी मांग रखी और अपने आगमी निर्णय से अवगत करवाया इस पर उन्होंने सकारात्मक दिखाते हुए किसानों के हित में निर्णय की बात कही।