राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने निर्दलीय विधायक यूनूस खान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यूनूस खान ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के बिजली संकट पर चुप्पी साधी रखी और आज अपनी महत्वकांक्षा पूरी नहीं होने पर गहलोत की भाषा बोल रहे हैं. कन्हैया लाल चौधरी ने आगे कहा कि ये वहीं यूनूस खान है जिन्हें भाजपा ने जनप्रतिनिधि से लेकर मंत्री मंडल तक पहुंचाया था, लेकिन आज अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षा पूरी नहीं होने के चलते इस तरह की बयानबाजी कर रहे है. मंत्री ने आगे कहा कि गहलोत सरकार की गलत नीतियों के चलते सर्दी में रबी सीजन के दौरान बैकिंग एग्रीमेंट के माध्यम से उधार ली गई बिजली को गर्मी में पीक डिमांड के दौरान चुकाने का एग्रीमेंट कर लिया. गहलोत सरकार के गलत एग्रीमेंट के चलते राजस्थान को रोजाना लाखों यूनिट बिजली लौटानी पड़ रही है. शायद यूनूस खान ये भूल गए कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के विदाई के साल में कालीसिंध और सूरतगढ थर्मल प्लांट की यूनिट बंद हो जाने से 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ था. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था. लेकिन आज भजनलाल सरकार प्रदेश की जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश में 2018 से पूर्व बिजली की दरें 5 रूपए 55 पैसे प्रति यूनिट हुआ करती थी, जबकि कांग्रेस की गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में इन दरों को 11 रूपए 90 पैसे तक पहुंचा दिया. इतना ही नहीं, गहलोत के कार्यकाल में 15 बार बिजली दरों में बढ़ोतरी कर आमजन की कमर तोड़ दी गई थी. जबकि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के लिए 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता से झूठा वादा करते हुए 5 साल तक बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था. इन सब के बावजूद यूनूस खान भाजपा पर आरोप लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं की भाषा बोल रहे है. मालूम हो कि डीडवाना के निर्दलीय विधायक यूनूस खान पूर्व में भाजपा में ही थे. वसुंधरा राजे के शासन काल में यूनूस मंत्री भी रहे थे. यूनूस लंबे समय तक राजस्थान में भाजपा के मुस्लिम फेस माने जाते रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को जोधपुर में दादा कायम खान दिवस पर आयोजित एक समारोह में यूनूस खान ने भजनलाल सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री अब घूमना फिरना बंद करें और काम पर लग जाएं, क्योंकि डबल इंजन की सरकार में प्रदेश की जनता पानी लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है. यूनूस खान के इसी बयान पर अब मंत्री कन्हैयालाल का पलटवार सामने आया है.