राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों बार-बार अपने बयानों में 'मोदी की गारंटी' का जिक्र करते हुए प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उनका एकमात्र मकसद कांग्रेस शासन में शुरू की गईं योजनाओं के रिव्यू को रोकना है, जिसके आदेश सीएम भजन लाल शर्मा ने दिए हैं. हालांकि उनके इस प्रयास पर भाजपा नेता ने पलटवार करते हुए पूर्ववर्ती सरकार में चले 'कुर्सी के खेल' की याद दिला दी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने एक्स पर अशोक गहलोत की एक पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूरे 5 साल किस्सा कुर्सी के खेल का चलता रहा. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में एक के बाद एक ऐसी घोषणाएं कर डाली, जो धरातल पर आते ही धराशायी हो गईं. कांग्रेस ने सत्ता की रेवड़ी बांटने के चक्कर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्धारित मापदंडों को दरकिनार कर झूठी वाहवाही लूटने के चक्कर में प्रदेश में सैकड़ों कॉलेजों को खोलने का दिखावा किया.'राठौड़ ने गहलोत से पूछा, 'बिना मानव संसाधन, बिना वित्तीय प्रबंधन और बिना भौतिक संसाधनों के ही, धर्मशालाओं में, किराए के भवनों में, प्राथमिक विद्यालयों में, कॉलेजों को खोला जाना क्या उच्च शिक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं था? आपके शासन में पूरे 5 वर्ष एक भी कॉलेजों में प्राचार्यों और उप प्राचार्यों की डीपीसी नहीं हुई, कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया अटकी रही, दर्जनों महाविद्यालय एकल शिक्षकों के सहारे संचालित किए गए. इन कॉलेजों के जरिए प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य को अंधकार में डालने का कुत्सित प्रयास किया.'