राजस्थान की बाड़मेर- जैसलमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने 10 साल बाद कब्जा कर लिया है. निर्दलीय प्रत्याशी और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के लड़ने का फायदा कांग्रेस को मिला. क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी का वोट कटने से इस सीट पर वह तीसरे नंबर पर खिसक गए. जबकि खुद भाटी भी दूसरे नंबर पर ही रहे. जबकि उम्मेदाराम बेनीवाल ने इस सीट को जीत लिया. चुनाव के नतीजे भले ही कांग्रेस के पक्ष में आए हो, लेकिन इस इलाके में आरोप-प्रत्यारोप जारी है. बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने दिल्ली में अलग-अलग कुछ कांग्रेसी नेताओं की शिकायत की. हरीश चौधरी का कहना है कि इन कांग्रेसी नेताओं ने लोकसभा चुनाव में पार्टी का साथ न देकर निर्दलीय प्रत्याशी का साथ दिया है. गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व मंत्री अमीन खान को पार्टी ने चुनाव के मतदान के दिन ही पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. क्योंकि उन्होंने इस चुनाव में भाटी के समर्थन में वोट की अपील की थी. जिसके बाद सवाल यही है कि आखिर वो नेता कौन हैं?
कांग्रेस में कौन है वो नेता जो अपने ही प्रत्याशी को हराने के लिए दे रहा था दूसरी पार्टी के प्रत्याशी का साथ !
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