तैयारी लोकसभा चुनाव के दौरान आतंकी हमलों से दहलाने की थी, लेकिन तब सफलता नहीं मिली। अब जैसे-तैसे बॉर्डर पार कर रहे तो जम्मू में सीरियल अटैक का सिलसिला सा चल पड़ा। पहले रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर अटैक, फिर कठुआ में गोलीबारी और फिर डोडा में सेना की चौकी पर अटैक, ये आतंकी वारदात कुछ इशारा कर रहे हैं। न्यूज वेबसाइट आज तक के मुताबिक, इन सभी हमलों के पीछे पाकिस्तान का सीधा-सीधा हाथ है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपनी रणनीति बदल ली है। नई रणनीति के तहत आईएसआई कश्मीर घाटी की जगह जम्मू के इलाके में आतंक फैलाने के प्लान पर आगे बढ़ रही है।आईएसआई ने जम्मू को टारगेट करने के लिए 'फाल्कन 50' प्रॉजेक्ट लॉन्च किया है। इसके तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आंतकियों के जत्थे को ट्रेंड किया जा रहा है और मौका लगते ही खून-खराबे में माहिर हो चुके आतंकियों को सीमा पार करवा दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू के सांबा सेक्टर से लगी सीमा इन दिनों पाकिस्तानी आतंकियों का अड्डा बनी हुई है। वहां आतंकियों का समूह दिन-रात सीमा पार करने की फिराक में पल-पल का इतंजार करता रहता है। आईएसआई ने मूलतः लोकसभा चुनावों के दौरान आतंकी हमला करवाकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की थी, लेकिन उसे तब आतंकियों को सीमा पार करवाने में सफलता नहीं मिल पाई। अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी बॉर्डर क्रॉस करने में सफल हो गए तो लगातार तीन घटनाएं सामने आ गईं।दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद अब कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई इसे एक मौका समझ रही है। लोकसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर में वोटिंग का रिकॉर्ड टूटने से घबराया पाकिस्तान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जम्मू-कश्मीर की जनता में लोकतंत्र के प्रति आस्था गहराती न रहे। इस कारण से वह खून-खराबे की हैवानियत के जरिए लोगों में डर का माहौल बनाना चाहता है ताकि विधानसभा चुनावों में वोटर अपने घरों में ही दुबके रहें।