लोकसभा अध्यक्ष का पद भारतीय जनता पार्टी अपने पास ही रखने जा रही है। यानी 18वीं लोकसभा में भी भाजपा का ही कोई सांसद लोकसभा का अध्यक्ष चुना जाएगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया में आ रही खबरों को खारिज करते हुए बताया कि किसी भी सहयोगी दल की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर कोई मांग नहीं आई है। भाजपा जल्द ही पहले पार्टी के स्तर पर इस पर विचार करेगी और पार्टी द्वारा नाम पर फैसला किए जाने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों के साथ भी विचार-विमर्श कर उस नाम पर सर्वसम्मति बनाई जाएगी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मध्य प्रदेश की इंदौर से भाजपा की लोकसभा सांसद सुमित्रा महाजन को और दूसरे कार्यकाल में राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था। लेकिन इस बार के तीसरे कार्यकाल में भाजपा के पास 2014 और 2019 की तरह लोकसभा में बहुमत नहीं है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि टीडीपी लोकसभा के अध्यक्ष का पद मांग रही है। जेडीयू से भी लोकसभा का अध्यक्ष चुने जाने की बात सामने आई लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता ने इन खबरों को महज अटकलें बताते हुए खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद लोकसभा के नए अध्यक्ष के नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा। भाजपा पहले पार्टी के स्तर पर लोकसभा के भावी अध्यक्ष का नाम तय करेगी, इसके बाद सहयोगी दलों के साथ उस नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा। अगर सहयोगी दल की तरफ से कोई सुझाव या मांग आती है, तो भाजपा फिर नए फॉर्मूले पर विचार करेगी।