राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कांग्रेस शासन में खोल गए 303 कॉलेजों की समीक्षा करने के आदेश जारी किए हैं, जिसकी कमेटी का गठन होते ही राजनीति शुरू हो गई है. एक तरह पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की सरकार पर इन कॉलेजों को बंद करने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जनता के सामने इन कॉलेजों को खोलने से हुए फायदों का बखान कर रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट भी की है, जिस पर राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने पलटवार किया है. अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, 'अभी तक हम सबने सुना था कि सरकार का काम शिक्षा के नए संस्थान जैसे स्कूल और कॉलेज खोलकर विद्यार्थियों को उनके घर के पास ही शिक्षा उपलब्ध करवाना है. परन्तु राजस्थान की भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा खोले गए कॉलेजों को बन्द करने जा रही है. मीडिया में भाजपा सरकार द्वारा तर्क दिए जा रहे हैं कि कुछ कॉलेजों की इमारतें अभी तैयार नहीं हैं. हमारी सरकार ने 303 कॉलेज खोले, जिनमें से करीब 250 कॉलेजों की इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है. यह तो कॉमन सेंस की बात है कि कॉलेज की घोषणा होने के बाद ही इमारत बनेगी.' कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, 'हमारी सरकार के दौरान कोविड से करीब 2 साल तो निर्माण कार्य ही अटके रहे. इन कॉलेजों में पढ़ाने के लिए RPSC के माध्यम से 2000 से अधिक सहायक प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई. अस्थायी आधार पर विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फेकल्टी लगाकर पढ़ाई करवाई जा रही थी. गांवों के पास ही नए कॉलेज खोलने का ही नतीजा था कि राजस्थान में पहली बार कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक हो गई थी और ड्रॉप आउट रेट कम हुआ था.'