मुंबई। नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी सरकार 3.0 में महाराष्ट्र के कई सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वहीं, अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने राज्य मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया और कैबिनेट पद को लेकर जोर दिया। जिसके बाद अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को अभी तक कोई भी पद नहीं मिला है। पीएम मोदी के मंत्रीमंडल में अजित पवार की पार्टी एनसीपी से किसी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया है। इस पर विपक्ष सरकार की आलोचना करते हुए अजित पवार पर निशाना साध रही है।महा विकास अघाड़ी विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई केंद्रीय सरकार में अपनी हिस्सेदारी को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार पर निशाना साधा।  बता दें कि रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने राज्य मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया और कैबिनेट पद पर जोर दिया।

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'जब आप किसी के गुलाम बनने का फैसला करते हैं...'

शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि मोदी कैबिनेट में दोनों दलों की 'मामूली' प्रतिनिधित्व ने साबित कर दिया है कि भाजपा ने उन्हें उनकी जगह दिखा दी है। राउत ने संवाददाताओं से कहा, "जब आप किसी के गुलाम बनने का फैसला करते हैं तो आपको यही मिलता है।"

भाजपा में इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अगर अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी राज्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करती है तो उन्हें भविष्य में कैबिनेट में कोई भी पद लेने की बात भूल जानी चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने आगे कहा कि अजित पवार को देर से ही सही, यह एहसास हुआ होगा कि भाजपा अपने सहयोगियों के लिए इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति रखती है।