एक बड़ी खबर। कर्जदारों की लिए राहत। स्वयं या परिवार के किसी सदस्य के गंभीर रोगी होने के कारण कर्ज की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं और परिवार को बेदखली का खतरा सता रहा है, तो यह खबर आपके लिए है। ऐसे परिवारों के पास किस्त री-शिड्यूल करवाने और हर माह किस्त के रूप में आंशिक राशि जमा करवाकर मुश्किल से बचने का विकल्प है। राज्य सरकार ने सभी कलक्टरों से कहा है कि मुश्किल की घड़ी में फंसे परिवारों को इस विकल्प की जानकारी देकर उन्हें मानवीय आधार पर राहत दिलाएं। आयोजना विभाग ने हाल ही रिजर्व बैंक व राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी से बात कर गंभीर रोग के कारण कर्ज की किस्त नहीं चुका पाने पर घर से बेदखल हुए अजमेर के एक परिवार को राहत दिलाई है। इस परिवार का न केवल मकान मुक्त करवाया है, बल्कि बैंक से इस परिवार को दस हजार रुपए भी दिलाए हैं। राज्य सरकार ने अब ऐसे परिवारों को राहत दिलाने के लिए कलक्टरों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा है कि ऐसे परिवारों को विकल्पों की जानकारी देकर उनका खाता एनपीए होने से और परिवार को बेदखली से बचाएं। कर्ज की लगातार तीन किस्त नहीं भरने पर खाता एनपीए में चला जाता है, जिससे ऐसे व्यक्ति को बैंक से फिर कर्ज मिलने में परेशानी हो सकती है। यदि आप हर महीने कर्ज की बड़ी किस्त चुकाते हैं और अचानक आर्थिक तंगी आने के कारण उसे चुकाना मुश्किल हो रहा है तो आप किस्त को री-शिड्यूल करवा सकते हैं। यहां तक कि किस्त की आंशिक राशि जमा करवाकर खाता एनपीए होने से भी बचा सकते हैं।