राजस्थान में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका मिलने के बाद अब आगे भी कड़े इम्तिहान से गुजरना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कई लोकसभा सीटों पर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में विधायक भी शामिल है. इस चुनाव में कांग्रेस गठबंधन के 5 विधायक सांसद चुन कर आए हैं. अब इन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा. जिसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का रिएक्शन भी आ गया है. बीतें 4 जून को इलेक्शन रिजल्ट आने के बाद डोटासरा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा था कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश में जल्द होने वाले पाँचों विधानसभा उप चुनावों के लिए तैयार है. बता दें कि इन 5 सीटों में से 3 कांग्रेस, एक आरएलपी और एक बीएपी के विधायक हैं. टोंक-सवाईमाधोपुर से हरीश मीणा (कांग्रेस), झुंझुनूं से बृजेन्द्र ओला (कांग्रेस), दौसा से मुरारीलाल मीणा (कांग्रेस) के अलावा बाप विधायक राजकुमार रोत (बीएपी) और नागौर से हनुमान बेनीवाल (आरएलपी) की सीट है. जिनके सांसद बनने से 5 विधानसभा सीटें खाली हो जाएगी. दरअसल, नियमानुसार विधायकों को 14 दिन में विधानसभा से इस्तीफा देना होगा और नहीं देते हैं तो इसके बाद स्वत: ही इनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी. इसके चलते छह महीने के भीतर ही चुनाव आयोग को चुनाव भी करवाने होते हैं. बीजेपी के लिए परेशानी की बात यह भी है कि भजनलाल शर्मा और किरोड़ीलाल मीणा के गढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया. राजस्थान की पूर्वी लोकसभा सीटों में अलवर लोकसभा सीट को छोड़ कर अन्य सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बीजेपी की इस करारी हार के बाद सीएम भजनलाल शर्मा के लिए खतरे की घण्टी बज चुकी है. इसी पूर्वी राजस्थान की कई सीटों पर एक बार फिर चुनाव होंगे. बात अगर सीएम भजनलाल शर्मा की करें तो वह अपने गृह जिले भरतपुर की सीट भी नहीं बचा पाए.