राजस्थान लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर हार के कारणों की रिपोर्ट लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा आज शाम दिल्ली जाएंगे. इस दौरान वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे और सीट वाइज हार के कारणों का विस्तार से बनाया ब्यौरा उन्हें सौपेंगे. इस दौरान सीएम की मुलाकात अमित शाह से भी हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस बार 11 सीटों पर हार की बड़ी वजह पार्टी के कई बड़े नेताओं की निष्क्रियता और राजस्थान में संगठन का कमजोर होना है. यही वजह रही है कि इस बार भाजपा के मत प्रतिशत में 9.83 की गिरावट दर्ज हुई है, जो 11 सीटों पर हार की बड़ी वजह बनी है. दिल्ली भाजपा के सूत्रों के अनुसार, फिलहाल राजस्थान सरकार में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. ऐसे में इस चुनावी हार के बाद मुख्यमंत्री के सामने अगली बड़ी चुनौती उपचुनाव और नवंबर में होने वाले राजस्थान में लोकल बॉडी चुनाव हैं लोकसभा चुनाव में राजस्थान की पांच सीटों पर विधायकों ने सांसद का चुनाव लड़कर जीता है. यही वजह है कि दौसा, झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा और चौरासी सीट पर 6 महीने में उपचुनाव होने हैं. इस सीटों पर दौसा से मुरारीलाल मीणा, झुंझुनूं से बृजेन्द्र ओला, खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद बने हैं. इसके अलावा देवली-उनियारा से विधायक हरीश चौधरी टोंक-सवाईमाधोपुर से सांसद बने और चौरासी से विधायक राजकुमार रोत बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद बने हैं. इन पांच विधानसभा सीट पर अगले छह महीने में उपचुनाव होंगे. इसके अलावा निकाय चुनाव और फिर पंचायत चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को बेहतर करना सीएम के लिये बड़ा टास्क होगा. इन चुनावों को जीतने के लिए संगठन में बड़े बदलाव तय हैं. मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद भाजपा में संगठन के स्तर पर बड़े बदलाव होंगे. संगठन में भी प्रदेशाध्यक्ष पद पर बदलाव और संगठन महामंत्री तक नई नियुक्तियां होनी हैं.

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