मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने पूर्वी राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान जो किला मजबूती से खड़ा किया था, वह लोकसभा चुनाव आते-आते ढह गया। भाजपा के दिग्गज अपना किला बचाने में कामयाब नहीं हो सके। कामां विधायक नौक्षम चौधरी की लाज लोकसभा चुनाव में कतई नहीं बच सकी है। कांग्रेस की संजना जाटव ने 51 हजार 983 मतों से जीत हासिल की है। इनमें से संजना को 46 हजार 168 वोट की लीड तो सिर्फ कामां विधानसभा क्षेत्र से ही मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा विधायक एवं राज्यमंत्री की पकड़ कुछ ही दिनों में क्षेत्र में ढीली पड़ गई है। हालांकि अपने बूथ से विधायक कई जगह अपने प्रत्याशी को वोट दिलाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन यह वोट भी उमीद के मुताबिक नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में अच्छे बहुमत से भाजपा की सरकार है। इसके बाद भी लोग जिले में असंतुष्ट ही नजर आए हैं। जाट आरक्षण आंदोलन में भाजपा का साथ मांगा गया, लेकिन सरकार इसकी लगातार अनदेखी करती रही और अंदरखाने विरोध पनपता चला गया। यही वजह रही जाट मतदाता मतदान के समय तक असंतुष्ट नजर आया। ऐसे में शुरुआत में भारी माना जा रहा भाजपा का पलड़ा बेहद कमजोर स्थिति में पहुंच गया और भाजपा इसे साध नहीं सकी। नतीजा यह रहा कि ज्यादातर स्थानों पर नाराजगी की वजह से भाजपा चुनाव हार गई। भाजपा पिछली दो बार से भाजपा कोली कार्ड ही चल रही है। दो बार यह कार्ड लगातार जनता के बीच चल चुका है, लेकिन हर बार एक ही कार्ड रिपीट होना जनता को नहीं सुहाया, जबकि कांग्रेस ने चेहरा बदलकर उसका लाभ ले लिया। शुरुआती दौर में टिकट वितरण के समय ही भाजपा में अंदरखाने इसका विरोध हुआ था, लेकिन पार्टी इसे समझ नहीं सकी। रंजीता कोली का टिकट कटा और ऋतु बनावत को उस समय तवज्जो नहीं मिल सकी। फिर से रामस्वरूप कोली ही टिकट देना भाजपा को भारी पड़ गया। भाजपा की हार के प्रमुख कारण के रूप में कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आ रही है। यही वजह है कि हार की समीक्षा करने तक में पदाधिकारी कतराते नजर आ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि समीक्षा बैठक में कार्यकर्ता तल्ख अंदाज में अपनी बात रख सकते हैं। सूत्रों का दावा है कि जिला संगठन को दरकिनार करके कुछ बाहरी व्यक्तियों का चुनाव में हस्तक्षेप रहा। ऐसे में मूल कार्यकर्ता हांशिये पर चला गया। इसका नतीजा यह रहा कि भाजपा को बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी है। भरतपुर से चुनाव जीतने वाली कांग्रेस की संजना जाटव महज 26 साल की हैं। संभवतया वह सबसे कम उम्र की लोकसभा में पहुंचने वाली सांसद होंगी। संजना लोकसभा से पहले कठूमर विधानसभा चुनाव भी लड़ी थीं, उस समय कठूमर से भाजपा प्रत्याशी रमेश खींची को 79 हजार 756 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की संजना जाटव को 79 हजार 347 वोट मिले थे। ऐसे में उनकी मात्र 409 मतों से हार हुई थी। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में उन पर दांव खेला और उनके सिर जीत का सेहरा बंधा। संजना एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं।
Join our app to earn points & get the text & video content in your preffered language
PLease Click Here to Join Now
Search
Categories
- City News
- State News
- National
- Crime
- Entertainment
- Viral News
- Special
- Sports
- Politics
- Business
- International
- Health
- Spiritual
- Agriculture
- Education
- Election
Read More
आ.संदीप क्षीरसागर यांनी वचनपूर्ती; गोरक्षनाथ टेकडी येथे हॉटमिक्स रस्त्याचे काम पूर्ण तर सभागृहाचे काम सुरू-भाऊसाहेब डावकर
आ.संदिपभैय्या क्षीरसागरांची 50 लक्ष रु. विकास कामाची वचनपुर्ती
गोरक्षनाथ टेकडी येथील हॉटमिक्स...
बूँदी जिला कलेक्टर ने समझी नन्हें मुन्नो की पीड़ा.2 दिन का बढ़ाया अवकाश.
बूँदी. जिला कलेक्टर बूँदी अक्षय गोदारा ने अत्यधिक सर्दी को देखते हुए अपनी शक्तियों का प्रयोग करते...
BVFCL CMD assumes Charge of Fertiliser Association of India, Eastern Region
Chairman & Managing Director of Brahmaputra...