वातावरण शुद्धि के साथ-साथ रोगोपचार पद्धति भी है  यज्ञ 
बूंदी। आर्य वीर दल सेवा समिति बूंदी द्वारा आयोजित 20 दिवसीय वैदिक संस्कार योगाभ्यास एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के बारहवें दिन पतंजलि योग समिति अध्यक्ष हेमालाल मेघवंशी व ओमप्रकाश कहार ने शिविर का शुभारंभ हवन के साथ किया। शिविर प्रभारी अभयदेव शर्मा ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन समय में हवन दैनिक जीवन का अंग था जिसमें गाय के गोबर से बने कंडे में गाय के घी से अग्नि प्रज्वलित करके पीपल,शीशम,आम,गूलर,पलाश आदि वृक्षों की लकड़ी जिसे समिधा कहा जाता है हवन किया जाता था जो हमारे वातावरण की शुद्धि के साथ-साथ रोगोपचार में भी सहायक होता था। अर्जुन छाल आदि औषधियों से तैयार हवन सामग्री ह््रदय रोगों में लाभकारी साबित हुई है। वर्तमान में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार सहित कई जगहों पर हवन से उपचार पर अनुसंधान चल रहा है।
शिविर संयोजक अभयदेव शर्मा के निर्देशन में मंच से नंदिनी सैनी, प्रिया बैरागी, जीविका, रिंकू जांगिड़, रिद्धि कृष्ण जैमिनी, विहान दीक्षित, राघव शर्मा ने सर्वांग सुंदर व्यायाम की करीब डेढ़ दर्जन क्रियाओं का संगीत की धुन पर प्रदर्शन किया और शिविरार्थियों ने उन क्रियाओं को दोहराया।इसके पश्चात सूर्य नमस्कार, चंद्र नमस्कार,भूमि नमस्कार का भी संगीतमय प्रदर्शन किया और विशेष आसन गरूड़ासन, वृश्चिकासन,एकपादहस्तासन आदि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के कठिन आसनों का अभ्यास कराया। इससे पहले प्रातः 5 बजे शारीरिक शिक्षक व एनआईएस वुशु कोच सुरेश कुमार वर्मा ने नियमित व्यायाम पी०टी०, दौड़ व बाक्सिंग का अभ्यास कराया। इसके पश्चात वरिष्ठ योग साधक राधेश्याम साहू व योग साधिका रानी ने शिविरार्थियों को मंच से योगासन व प्राणायाम करवाया।
शिविर भावभट्ट अखाड़े के तरूण राठौर, अनुराग शर्मा एडवोकेट, धनराज सिंह,अमित शर्मा,चंद्रप्रकाश राठौर,हुकुमचंद शर्मा,सत्यनारायण महावर,रमेश भारद्वाज,विकास दीक्षित,सुरेन्द्र सिंह हाड़ा,तथा सूर्यकांता राणावत, रीना जिंदल,मनजीत कौर,रितु राणावत, कविता पौदार,नेहा शर्मा, दिव्या जोशी, मीनाक्षी शर्मा आदि उपस्थित रहे।