प्रदेश में हीटवेव के चलते पानी-बिजली और चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को राज्य के शीर्ष नौकरशाहों की पांच घंटे मैराथन बैठक ली। एक-एक जिलों का फीडबैक लिया। नौकरशाही को साफ संदेश दिया कि जनता के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी फाइलों के निस्तारण में तेजी लाएं। उन्होंने लापरवाह कार्मिकों को तत्काल हटाने और पानी के स्रोत बिना पाइपलाइन बिछाने और टंकियां बनाने वालों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि कोई दोषी सेवानिवृत्त हो चुका है, तो उसको नोटिस देकर पेंशन रोकी जाए। प्रदेश में हैंडपंप और बोरिंग कितने सूख चुके हैं, जलस्रोतों की क्या स्थिति है, इसकी भी रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री दोपहर करीब एक बजे सचिवालय के कॉन्फ्रेस हॉल में पहुंचे और शाम 6 बजे तक बैठक ली। वे पूरी तैयारी के साथ नजर आए। उन्होंने संभागीय आयुक्तों के साथ प्रत्येक जिले के प्रभारी सचिव, कलक्टर से चर्चा की। बीकानेर जिले में प्रभारी सचिव की बैठक में सीएमएचओ और डूंगरगढ़ के बीसीएमएचओ के अनुपस्थित रहने पर कहा कि क्या मजाक बना रखा है। प्रभारी सचिव जिले में आ रहा है और सूचना तक नहीं। इन अधिकारियों को तत्काल विदा करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने बीकानेर कलक्टर नम्रता वृष्णि और पाली संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह को भी फटकार लगाई। उधर, लापरवाही सामने आने पर चार डॉक्टरों को देर रात हटा दिया है। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव के अलावा जिलों के कलक्टर व संभागीय आयुक्त मौजूद थे। पंत ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के दौरान 141 काम आयोग से अनुमति लेकर किए।

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