अपडेट वेबसाइट में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और शांति धारीवाल को यूडीएच मंत्री दर्शाया

सरकार बदल गई, सिस्टम बदल गया लेकिन बदली नही तो सिर्फ सरकारी वेबसाइट जिस पर आम नागरिकों की सुविधा के लिए विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। यही हाल नगर निगम कोटा की ऑफिशियल वेबसाइट का है जो अपडेट तो 31 मई 2024 तक बता रही है, किन्तु उसमें आज भी पुराने जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारियों के नाम दर्शाए हुए है। जिनमें कुछ तो भगवान को प्यारे हो चुके है और अधिकांश का ट्रांस्फर एवं सेवा निवृत हो चुके है। उनके स्थान पर नए चेहरे काम कर रहे है। निगम की वेबसाइट अपडेट नहीं होने से शहर वासियों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है, जबकि हर साल वेबसाइट को अपडेट करने के नाम पर निगम में लाखों रुपये का खर्च दर्शाया जाता है।

आज के वर्तमान युग मे प्रत्येक व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। नेट के माध्यम से मुश्किल से मुश्किल काम दूर बैठकर भी आसानी से हो रहा है। हर हाथ मे मोबाइल इसका ही उदाहरण है। इंटर नेट ने आम जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम करते हुए योजनाओं में पारदर्शिता लाने का काम किया है। सरकार की प्रत्येक योजनाओं से जुड़ी जानकारियां आज विभागीय वेबसाइट पर आसानी से मिल जाती है। इसके लिए प्रत्येक विभाग ने अपनी वेबसाइट बना रखी है। जिसके माध्यम से आम नागरिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाता है। इसी तरह इंटरनेट पर नगर निगम कोटा की वेबसाइट भी उपलब्ध है। लेकिन निगम अधीकारियों की अनदेखी के कारण बेवसाइट अपडेट नहीं होने से आम नागरिकों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है।

सरकार बदली वेबसाइट नही:

नगर निगम कोटा की वेबसाइट इंटरनेट पर द्मशह्लड्डद्वष्.शह्म्द्द के नाम से है। इसे खोलने पर इसमें वेबसाइट अपडेट 31 मई 2024 दर्शाई हुई है। वेबसाइट के राइट साइड में ऑफिसर्स एंड इंप्लॉई लिस्ट में कोटा उत्तर व कोटा दंक्षिण नगर निगम के काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के नाम पते व मोबाइल नंबर दिए हुई है। जिसमे आज भी राजस्थान का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ओर नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल का नाम दर्शाया हुआ है। जबकि राजस्थान में भाजपा की सरकार बने 6 माह हो चुके है। वर्तमान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा है। इसी प्रकार वेबसाइट में स्वायत शासन विभाग के पुराने अधिकारियों के नाम दर्शाए हुए है। विधान सभा चुनाव से पूर्व कई अधिकारी कर्मचारियों के तबादले हो चुके है। जिसमे निगम निगम के कई अधिकारी/कर्मचारी का ट्रांसफर अन्यत्र विभाग में कोटा व आस-पास जिलों में हो चुके है। उनके स्थान पर नए अधिकारी निगम में काम कर रहे है। वेबसाइट में उनके नाम अपडेट नही होने से आम नागरिक उनसे अंजान है। शहर की जनता को पता ही नही किस पद पर कौन काम कर रहा है, उनका नाम क्या है और फोन नंबर क्या है। किसी भी काम के लिए अधीकारियों को फोन करो तो एक ही जवाब मिलता है ‘मेरा ट्रांसफर हो चुका है, अब में निगम में नही हूं।’

विभागों अनेक लेकिन रंग एक, लापरवाही:

राजस्थान सरकार में नगरीय विकास एवं स्वायत शासन विभाग ही नहीं बल्कि अन्य विभागों की वेवसाइट के भी यही हाल है। पर्वूवर्ती सरकार ने नगर विकास न्यास कोटा का नाम बदलकर कोटा विकास प्राधिकरण किया था। इंटरनेट पेर केडीए की ऑफिशल वेवसाइट पर दूरभार्ष निर्देशिका में 139 अधिकारी व कर्मचारी के नाम अंकित है। जिसमें आज भी पुराने अधिकारी व कर्मचारी के नाम अंकित है। जिनका ट्रांसफर हुए करीब 6 माह से अधिक का समय निकल चुका है। इस अंतराल में कई तो सेवा निवृत भी हो चुके है। वेबसाइट की नवीनतम अपडेट में कोई रिकोर्ड दर्शाया हुआ नहीं है। जबकि शहर के विकास में नगर निगम व कोटा विकास प्राधिकरण का महत्वपूर्ण भुमिका होती है। इन विभागों से प्रत्येक नागरिक का हित जुड़ा होता है। जनता से जुड़े गंभीर मुद्दे पर प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।