उत्तर भारत चिलचिलाती गर्मी की चपेट में है। मैदानी इलाकों में गर्मी तपा रही है तो पहाड़ी इलाकों में जंगल धधक रहे हैं। उधर दक्षिण में मौसम का मिजाज बदलता दिख रहा है। साउथवेस्ट मॉनसून ने अपने तय समय से दो दिन पहले केरल में गुरुवार को एंट्री ले ली। इतना ही नहीं नॉर्थ-ईस्ट में तो यह अपने सामान्य समय से करीब 6 दिन पहले ही पहुंच गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चक्रवाती तूफान रेमल की वजह से मॉनसून की चाल तेज हुई और यह देश में जल्दी पहुंच गया। भारतीय मौसम विभाग ने मॉनसून के केरल में आने की घोषणा की। इसके साथ ही नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश को पूरी तरह कवर करते हुए मॉनसून ने त्रिपुरा, मेघालय और असम के ज्यादातर हिस्सों को कवर कर लिया है। यह सामान्य तौर पर 1 जून को केरल में और इसके बाद 5 जून को नॉर्थ-ईस्ट को कवर करता है। मॉनसून की एंट्री भी काफी धमाकेदार हुई है। कई जगहों पर जोरदार बारिश हो रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जून के अंत तक मॉनसून दिल्ली में दस्तक दे सकता है। आमतौर पर राजधानी में मॉनसून 27 जून के आसपास पहुंचता है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 10 जून है। मेघालय में 5 दिनों का अलर्ट मौसम विभाग ने मेघालय में अगले पांच दिनों में आंधी और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया। मणिपुर के कई जिलों में बाढ़ आ गई। 31 मई तक सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी रहेगी। असम राइफल्स के जवानों ने मणिपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 1,000 लोगों को बचाया है।