गुजरात के राजकोट में गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों समेत 12 बच्चो की जान चली गई थी. पालनपुर की लोकल क्राइम ब्रांच की टीम और आबूरोड शहर पुलिस ने सोमवार शाम को दबोचने में कामयाबी हासिल की. पालनपुर की एलसीबी टीम ने आबूरोड शहर थाने के कांस्टेबल श्रवणकुमार के सहयोग से आरोपी को  गिरफ्तार किया. वहीं  हादसे के बाद गेमिंग जोन का संचालक युवराज और करीब तीस-चालीस जोन कर्मचारी फरार हो गए थे. जिनमें से राजकोट निवासी एक आरोपी धवलभाई  को सोमवार को राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार किया गया. इससे पहले तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका हैं. पुलिस ने कार्रवाई के बाद बताया कि आरोपी  धवलभाई राजकोट का ही रहने वाला है. उसके खिलाफ राजकोट तालुका पुलिस थाने में गेम जोन में आग की घटना को लेकर मामला दर्ज है. बता दें कि अब तक इस मामले में सोमवार की गिरफ्तारी के बाद चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इसी के साथ ही सोमवार को पहले से गिरफ्तार तीन आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था. जहां से उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें 12 बच्चे भी शामिल थे न्यायालय में पैरवी के दौरान विशेष लोक अभियोजक तुषार गोकानी ने कहा कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी.पी. ठाकुर की अदालत ने राजकोट अग्निकांड में गिरफ्तार हुए तीनों आरोपियों युवराज सिंह सोलंकी, नितिन जैन और राहुल राठौड़ को दो सप्ताह के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया हैं. गोकानी ने कहा कि 14 दिन की रिमांड का मुख्य आधार यह था कि गिरफ्तार आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनसे जो भी सवाल पूछे जाते हैं, वे उनका गोलमोल जवाब दे रहे हैं.  इनसे कुछ दस्तावेजों के बारे में पूछा गया तो आरोपियों ने दावा किया कि वे आग में जल गए हैं. अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि मामले के अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं. विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि अभी मुख्य आरोपी फरार हैं. आरोपी सोलंकी ने अदालत के सामने यह दिखावा करने की कोशिश की कि जो कुछ भी हुआ उसके लिए उन्हें पछतावा है. जब वह अदालत में दाखिल हुए, तो उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि उन्हें घटना पर पछतावा है और सभी को लगा कि वह रो रहे हैं. पांच मिनट के बाद, वह हंस रहे थे और अदालत में बहस कर रहे थे.