बूंदी शहरवासियो में बढ़ रही नैत्रदान जागरूकता के चलते शहर के 55 नैत्रदानियों द्वारा किए गए नैत्रदान से दृष्टिबाधित लोगों की आंखों से अंधियारा दूर हो रहा हैं। शाइन इंडिया फाउडेशन के ज्योति मित्र महेश चांदवानी ने बताया कि शनिवार को रॉयल सिटी, बूँदी निवासी सन्नी गुलाबवानी का मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न हुआ। इन्होंने बताया कि अकेले सिंधी समाज से अब तक सवा दर्जन से ज्यादा नै़त्रदान करवाएं गए हैं।शनिवार दोपहर, रॉयल सिटी, बूंदी निवासी सन्नी गुलाबवानी का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हुआ। जिसकी सूचना मिलते ही ज्योति मित्र महेश चांदवानी ने परिवार से नेत्रदान के लिए संपर्क किया। नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता देवानंद टेकवानी की भूमिका भी अहम रही। देवानंद टेकवानी ने सनी की माताजी सावित्री देवी को बेटे सन्नी के नेत्रदान करने के लिए समझाइश की। जिसके बाद माताजी सावित्री देवी सहित सन्नी के भाईयों गिरीश ,निर्मल, विजय,दिलीप, हेमंत ने भी नैत्रदान के लिए तुरंत ही सहमति दे दी। परिजनों की सहमति मिलते ही कोटा से बीबीजे चैप्टर के कोऑर्डिनेटर डॉ कुलवंत ने परिवार के सदस्यों के बीच नैत्रदान संपन्न करवाया।
भीषण गर्मी में 120 किलोमीटर दूर से आएं नैत्रदान लेने
परिजनों की सहमति के बाद ज्योति मित्र महेश चांदवानी ने शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को बूंदी में नेत्रदान लेने के बोर में अवगत करवाया। सूचना मिलने के समय डॉ. गौड़ व टीम के सदस्य रामगंज मंडी में नेत्रदान प्राप्त कर रहे थे। सूचना प्राप्त होते ही वह 48 डिग्री की भीषण गर्मी में 120 किलोमीटर दूरी तय कर बूंदी पहुंचे और सभी परिजनों के बीच में नैत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया। मौके पर उपस्थित समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी और शहर वासियों ने सराहना करते हुए कहा कि एक तरफ जहां तेज भीषण गर्मी में कोई घर से भी बाहर नहीं निकलता, पूरा राजस्थान ही इस समय रेड अलर्ट पर है, ऐसे समय में 120 किलोमीटर दूर से नेत्रदान लेने आने का कार्य अत्यंत ही सराहनीय है।