प्रदेश में नशा गहरी जड़ें जमा चुका है। अवैध शराब और ड्रग्स की सप्लाई बड़े पैमाने पर हो रही है। इसका एक जरिया बना है आरामदायक और कम समय में लंबी दूरी तय करने वाला जामनगर-अमृतसर भारतमाला एक्सप्रेस-वे। एक्सप्रेस-वे पर नशे का नेटवर्क तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। चैकपोस्ट और सुरक्षा उपायों के अभाव में तस्कर इस रास्ते से राजस्थान व गुजरात में नशा पहुंचा रहे हैं। इस कारण सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के लिए अभी से यह एक्सप्रेस-वे चुनौती बन गया है पंजाब में स्मैक, एमडी के साथ शराब तस्करी का बड़ा नेटवर्क है। दूसरी तरफ, शराबबंदी के कारण गुजरात में शराब की भारी डिमांड रहती है। यह शराब अवैध रूप से पंजाब से गुजरात पहुंचती है। ऐसे में पंजाब से लेकर राजस्थान के सीमावर्ती जिले जालोर-सांचौर के तस्करों का गिरोह सक्रिय है। एक्सप्रेस-वे का काम अंतिम चरण में है, जिससे अभी पुलिस की निगरानी ज्यादा नहीं है। इस स्थिति में यह एक्सप्रेस-वे तस्करी में अहम किरदार निभा रहा है। जामनगर-अमृतसर भारत माला एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1257 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेस-वे पंजाब को राजस्थान के रास्ते गुजरात तक जोड़ता है। एक्सप्रेस-वे में यह दूरी 15 से 16 घंटे में तय होती है। एक्सप्रेस-वे पर कुछ जगह काम चल रहा है तो कई जगह इसका उपयोग किया जा रहा है, लेकिन पूरे राजमार्ग पर सुरक्षा कहीं नहीं है। इसका तस्कर फायदा उठा रहे हैं। अमृतसर से बठिंडा की दूरी 154.886 किमी, बठिंडा से चौटाला 85.1 किमी, चौटाला से रसीसर 252.8 किमी, रसीसर से देवगढ़ 175.75 किमी, देवगढ़ से सांचौर की दूरी 208.54 किमी है। इस तरह से इन सभी प्रमुख शहरों में ड्रग्स और शराब तस्करी के प्वाइंट है। वहीं, सांचौर से गुजरात राज्य में संथालपुर की दूरी 125.18 किमी है। इसी तरह संथालपुर से मलिया 124 किमी और मलिया से जागनगर की दूरी 131 किमी है। इस रूट से राजस्थान में ही हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बालोतरा, बाड़मेर, जालोर, सांचौर जिले की कनेक्टिविटी है और एक्सप्रेव-वे तस्करों को बड़ा सुगम नेटवर्क प्रदान करने वाला है।