राजस्थान में नौतपा शुरू होने के साथ ही गर्मी ने विकराल रूप धारण कर लिया। गर्मी की तीव्रता इससे भी मापी जा सकती है कि फलोदी में बिना आंच के खुले में रखे चावल आधे घंटे में ही पक गए। फलोदी जिले में शनिवार को पारा 50 डिग्री दर्ज किया गया। उधर, हीटवेव से मौतों को सिलसिला भी जारी है। अजमेर, धौलपुर, चित्तौड़गढ़ और बारां में पांच लोगों ने दम तोड़ दिया। पारे के चरम पर पहुंचने की आशंका के बीच राज्य सरकार भी अलर्ट मोड पर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी जिला कलक्टर और अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। तेज गर्मी होने के बाद अस्पतालों में अब तक हीट स्ट्रोक के 2243 रोगी पहुंच चुके हैं। फलोदी के बाद बाड़मेर में अधिकतम तापमान 48.8 डिग्री और जैसलमेर में 48 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम केन्द्र की मानें तो आने वाले दिनों में हीटवेव का असर तेज होगा। राज्य में एक से दो डिग्री तक पारा और बढ़ेगा। 29 मई से पूर्वी राजस्थान में और 30 मई से पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में पारे में 2 से 3 डिग्री गिरावट होने की संभावना है। गौरतलब है कि मई में ही आठ साल बाद एक बार फिर फलोदी का पारा 50 डिग्री पहुंचा है। इससे पहले 19 मई 2016 को फलोदी 51 डिग्री के साथ विश्व के सबसे गर्म शहर के तौर पर सुर्खियों में आया था और इसी के चलते दो साल पहले यहां थर्मामीटर का स्टेच्यु भी स्थापित किया गया था, जो लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। फलोदी में भीषण गर्मी की अधिकता इतनी अधिक रही कि शाम पांच बजे धूप में रखे चावल आधा घंटे में ही उबल कर पक गए। ऐसे में भीषण गर्मी के ऐसे हालात में जनजीवन की सुरक्षा स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ा चैलेंज बन गई है। फलोदी जिला कलक्टर हरजीलाल अटल ने कहा कि फलोदी जिला क्षेत्र में 50 डिग्री पारा पहुंच चुका है। ऐसे में आमजन को गर्मी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है और एम्बुलेंस को अलर्ट मोड किया गया है। आमजन से गर्मी से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है।