जालोर के ओडवाडा गांव में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को प्रश्न अतिक्रमण हटाने पहुंचा था. जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया है. प्रशासन का कहना है कि, यह जमीन चारागाह की है. ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद प्रशासन ने कुछ घरो घरों को बुलडोज़र से ज़मींदोज़ कर दिया. इसपर पर सियासत भी हो रही है. पूरे मामले की फैक्ट फाइंडिंग के लिए कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई है. यह समिति के सदस्य आज पीड़ित ग्रामीणों से मुलाकात कर उनका पक्ष जानकर प्रदेश कमेटी को तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपेगी. पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में बनाई समिति में मोहन डागर और महासचिव प्रदेश कांग्रेस हरीश चौधरी, सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी ललित बोरीवाल शामिल हैं. इससे पहले मामले में जालोर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने सु्प्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही थी. वैभव गहलोत ने लिखा, जालोर जिला कलेक्टर से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के बाद ओडवाड़ा में हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई के संबंध में मैंने वकील से विधिक राय ली है. उन्होंने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट में 20 मई को अगली सुनवाई होनी है जिससे पहले प्रशासन को कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाने की जानकारी हाईकोर्ट को देनी होगी. ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम की कार्रवाई ने  प्रदेश से सियासी पारा को भी चढ़ा दिया है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इस कार्रवाई की निंदा की है. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ओडवाड़ा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की निंदा करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं.