राजस्थान सरकार ने 33 जिलों की जिला परिषदों में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्रामीण विकास के पद सृजित किए हैं। इनका कार्य ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन करना है। इस तरह जिला परिषद में दो एसीईओ कार्य करेंगे। ये सभी सीईओ के अधीन होंगे। इस संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने आदेश जारी किए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने पत्र में कहा है कि ग्रामीण विकास राज्य सेवा के कैडर का पुनर्गठन कर पूर्व के 33 जिलों में जिला परिषद स्तर पर चयनित वेतन श्रंखला एल-19 में एसीईओ ग्रामीण विकास एवं संयुक्त जिला परियोजना समन्वयक मनरेगा के नवीन पद का सृजन किया गया है। एसीईओ ग्रामीण विकास विभाग की सभी योजनाओं के लिए जिला परिषद स्तर पर प्रभारी अधिकारी होंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद के नियंत्रण में कार्य करेंगे। साथ ही सीईओ के लिंक अधिकारी होंगे। संयुक्त जिला परियोजना समन्वयक मनरेगा के लिए जिला स्तर पर प्रभारी अधिकारी होंगे। यह जिला कलक्टर एवं जिला परियोजना समन्वयक एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक के नियंत्रण में कार्य करेंगे। आदेश में 33 पुराने जिलों में ही एसीईओ लगाए गए हैं। नए जिलों में व्यवस्था नहीं है। बताया जा रहा है कि नए जिलों में जिला परिषद का गठन ही पूरी तरह नहीं हो पाया है।