विश्व में सबसे प्राचीन सभ्यता सिंघु, हड़प्पा और मिस्र की सभ्यता को माना जाता है, लेकिन डीडवाना में इससे भी हजारों सालों पहले मानव सभ्यता का विकास हुआ था. वैज्ञानिकों को डीडवाना क्षेत्र में खुदाई में हस्त कुल्हाड़ी मिली है, जो एशूलियन काल खंड अर्थात करीब 8 लाख वर्ष पूर्व का साक्षी रहा है. एशलियन काल खंड में ‘होमो इरेक्ट्स' यानी वर्तमान मानवों के पूर्वज डीडवाना में आबाद थे. डीडवाना में होमो इरेक्टस के आबाद होने के कई प्रमाण मिल चुके हैं. फ्रांस के वैज्ञानिकों सहित अनेक पुरातात्विक विशेषज्ञ शोध कर यहां विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता होने का दावा कर चुके हैं. विशेषज्ञों द्वारा डीडवाना में की गई खुदाई में प्रागैतिहासिक काल खंड के हस्त कुल्हाड़ और आर्टिफेक्ट्स भी मिल चुके हैं. सवाल है कि आखिर कौन थे होमो इरेक्टस यानी मानव के पूर्वज और किस प्रकार प्रागैतिहासिक काल की सभ्यता डीडवाना में आबाद रहे, इन सवालों के जवाब पुरातात्विक विशेषज्ञों ने अपने शोध में निकाल लिए हैं. रेत के टीले से निर्मित बांगड़ नहर की पालों का एक खास क्षेत्र "16 आर" के नाम से जाना जाता है. यही वो स्थान है, जो प्रागैतिहासिक काल खंड के प्रमाण अपने अंदर समेटे हुए हैं. इस रेत के टीले में जिस स्थान पर वैज्ञानिकों ने खुदाई की थी, उसे सर्वे आफ इण्डिया की टोपोशीट्स के अनुसार ‘16 आर' का नाम दिया गया है.
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं