टॉप टेक कंपनियां एपल और गूगल अपने यूजर्स की सिक्योरिटी के लिए मिल कर काम कर रही हैं। दोनों कंपनियां अपने यूजर्स को ब्लूटुथ के जरिए होने वाली अनजान और अनचाही ट्रैकिंग (unwanted tracking with Bluetooth devices) से बचाने के लिए साथ काम कर रही हैं। इस हफ्ते की शुरुआत से ही आईफोन और एंड्रॉइड यूजर्स को फॉलो करने वाले अनजान ब्लूटुथ ट्रैकर को लेकर अलर्ट मिलना शुरू हो जाएंगे।

एपल और गूगल टॉप टेक कंपनियां अपने यूजर्स की सिक्योरिटी के लिए साथ मिल कर काम कर रही हैं। दोनों कंपनियां अपने यूजर्स को ब्लूटुथ के जरिए होने वाली अनजान और अनचाही ट्रैकिंग (unwanted tracking with Bluetooth devices) से बचाने के लिए साथ काम कर रही हैं।

इस हफ्ते की शुरुआत से ही आईफोन और एंड्रॉइड यूजर्स को फॉलो करने वाले अनजान ब्लूटुथ ट्रैकर को लेकर अलर्ट मिलना शुरू हो जाएंगे।

दरअसल, इस तरह की सुविधा को पेश किया जा रहा है ताकि एपल के एयरटैग्स को स्टॉकिंग के लिए इस्तेमाल न किया जाए।

एपल डिवाइस को लेकर गलत इस्तेमाल के कई घटनाएं इससे पहले सामने आई हैं। ट्रैकर के मिसयूज को लेकर बढ़ती चिंताओं के साथ इस तरह के सॉल्यूशन को पेश किया जा रहा है।

नए सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ मिलेगा फीचर

गूगल और एपल ने Detecting Unwanted Location Trackers के लिए पार्टनरशिप की है। इस सुविधा को नए सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ पाया जा सकेगा।

एपल अपने यूजर्स को iOS 17.5 अपडेट के साथ इस सुविधा को पेश कर रहा है। वहीं, एंड्रॉइड यूजर्स को भी नए सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ एंड्रॉइड 6.0 और बाद के वर्जन के साथ नई सुविधा मिल रही है।

गूगल और एपल की नई सुविधा कैसे करेगी काम

जैसे ही किसी एंड्रॉइड और आईफोन यूजर को कोई ट्रैकर ट्रैक करने की कोशिश करेगा, वैसे ही यूजर को फोन पर एक अलर्ट मिलेगा।

इस अलर्ट के साथ यूजर को [Item] Found Moving With You अपडेट मिलेगा। इस अलर्ट के साथ स्मार्टफोन यूजर को ट्रैकर के डिवाइस ब्रैंड की जानकारी भी मिलेगी।