शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयानों पर निर्वाचन विभाग ने सख्ती दिखाई है. कोटा के जिला निर्वाचन अधिकारी ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि वह समाज के बीच वैमनस्यता फैलाने वाले बयान न दें. अपने पत्र में जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा है की शिक्षा मंत्री ऐसा कोई काम ना करें जिससे वैमनस्यता बढ़े और आचार संहिता का उल्लंघन हो. दरअसल, कांग्रेस ने पिछले महीने भाजपा नेताओं के बयानों एवं गतिविधियों को लेकर निर्वाचन विभाग से शिकायत की थी. इन्हीं शिकायतों के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह कार्रवाई की है. कांग्रेस ने पिछले माह आचार संहिता के उल्लंघन के मामले के 20 से अधिक शिकायतें की थी. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इन मामलों में संतोषजनक करवाई न करने का मुद्दा चुनाव आयोग के सामने भी उठाया था. इन शिकायतों में मदन दिलावर के एक टीवी चैनल पर दिया गया बयान भी शामिल था. राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ओम बिरला के नामांकन के दौरान एक विवादित बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के राज में राम भक्तों की हत्या की गई. संतों को गोलियों से भूना गया. 500 साल से हमारे पूर्वज श्री राम मंदिर का सपना देख रहे थे. उस सपने को पीएम मोदी ने पूरा किया है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस को एक भी वोट गया तो, समझ लेना कि हमने रामभक्तों के हत्यारे को वोट दिया है. इसके बाद उन्होंने भीड़ से पूछा क्या राम भक्तों की हत्या करने वालों को वोट देना चाहिए?” कांग्रेस ने इस बयान की शिकायत निर्वाचन विभाग से की थी.निर्वाचन विभाग की कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पद से हटाने की मांग कर दी. कांग्रेस नेता और प्रदेश वाॅर रूम के चेयरमैन जसवंत गुर्जर ने एक्स पर लिखा, “चुनाव आयोग ने देर से माना अब भाजपा को चाहिए कि ऐसे मंत्री जिसके ज़िम्मे शिक्षा का कार्य हो वही समाज में वैमनस्यता फैलाये तो भविष्य को क्या शिक्षा देंगे.उन को अविलंब मंत्रिपरिषद से हटाना चाहिए."