राजस्थान में लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी. लेकिन मतदान खत्म होने के बाद सियासत में कई सवाल बरकरार है. अहम सवाल मारवाड़ की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भूमिका को लेकर उठ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बाड़मेर- जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी और विधायक रविंद्रसिंह भाटी कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल और बीजेपी के मौजूदा सांसद कैलाश चौधरी को चुनौती दे रहे थे. कांग्रेस जहां इस सीट पर मजबूत नजर आ रही थी, वहीं अंदरखाने चर्चाएं इस बात को लेकर भी हुई कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाटी को मदद की. जिसके बाद हरीश चौधरी समेत कई नेताओं ने इशारों-इशारों में गहलोत पर सवाल भी खड़े कर दिए. हालांकि सीधे तौर पर पार्टी नेता कुछ भी कहने से बचते नजर आए. अब इस मामले में गहलोत ने खुद स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप के सहयोगी चैनल 'लल्लनटॉप' को दिए इंटरव्यू में कहा है कि "'मैं 3 बार बाड़मेर गया हूं. बाड़मेर ही एक ऐसी लोकसभा हैं. मैं 3 बार बाड़मेर, जैसलमेर और सिवाना में गया हूं और कैंपेन किया है. वहां उम्मेदाराम बेनीवाल प्रत्याशी हैं, उनके लिए मैं 3 बार गया हूं. आप समझ सकते हैं कि जहां मुझे कैंपेन के लिए 3 बार बुलाया जा रहा हैं, उसको लेकर भी ऐसी अफवाहें चल सकती है." वहीं, भाटी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मुझ पर आरोप लग रहे हैं, वो कौन उम्मीदवार हैं? मैं उन्हें जानता भी नहीं हूं. जो तीसरे उम्मीदवार खड़े हुए हैं, जिंदगी में उनसे कभी मिला भी नहीं हूं. गहलोत से जब पूछा गया कि आप लोग विधायक हैं, अब तो सदन में मिले होंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं नहीं मिला और ना हीं उन्हें जानता हूं. पिछले 10 साल के दौरान कोई मुलाकात हुई होगी तो अलग बात है. इसी दौरा उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता हरीश चौधरी और उनकी टीम पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सोच सकते हैं कि ऐसे लोग भी हैं राजनीति में जो आरोप लगाने की समझ नहीं है. गहलोत ने कहा कि मैं उस उम्मीदवार को जानता ही नहीं हूं.