भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व जम्मू-कश्मीर के प्रभारी तरुण चुग ने पीडीपी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे पाकिस्तान और चीन की विदेशी चश्मे से चीजों को देखते है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद महबूबा जी विभिन्न विकास कार्यों पर गौर करें, जो प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल के दौरान किए गए हैं।प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर ने एक नए युग में प्रवेश कर चूका है।देश-विदेश की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने करोड़ों की राशि से उद्योग स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।कश्मीर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या युवा की आंखों में नए सपने ले कर आयी है। रोजगार के साधनों में बढ़ोतरी हुई है।तीन दशकों से अधिक समय तक आतंकवाद की भट्टी से झुलसे कश्मीर में अब ठंडी हवा के झोंके महसूस हो रहे है।
चुघ ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास का नया इतिहास लिखा जा रहा है।क्रान्तिकार परिवर्तन हो रहे है। लोगों को उनके घर के नजदीक इलाज मिले इसके लिए कई संस्थान स्थापित किए जा रहे है। पीएमएवाई योजना के तहत 83186 घर दिए गए हैं, जबकि आवास योजना के तहत 16850 घरों का पुनर्वास किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार के दौरान 12 लाख एलपीजी कनेक्शन सिर्फ जम्मू-कश्मीर में दिए गए। साथ ही जम्मू और कश्मीर के हर नागरिक को आयुष्मान हेल्थ कार्ड के दायरे में लाया जा रहा है।
चुघ ने कहा कि नए आवास बजट 2023-24 के तहत जम्मू-कश्मीर में विकास के नए अध्याय शुरू होने जा रहे हैं। नए बजट में जम्मू-कश्मीर के रेल, रोड़ और हवाई मर्ग से कनेक्टिविटी की योजना पेश की गई है। बजट में ब्रॉडबैंड कृषि को बढ़ावा देने, औद्योगिक विकास को अपना बनाने, रोजगार सृजन और महिलाओं के उत्थान पर जोर दिया जा रहा है।
चुघ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के आम बजट में 2526.74 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र के लिए 2097.53 करोड़ रुपये, ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए 4169.26 करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र के लिए 1964.90 करोड़ रुपये, जल शक्ति के लिए 7161 करोड़ रुपये, जल शक्ति के लिए 7161 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. आवास एवं नगरीय विकास हेतु 2928.04 करोड़ रुपये, शिक्षा हेतु 1521.87 करोड़ रुपये, सड़क एवं पुल निर्माण हेतु 4062.87 करोड़ रुपये प्रस्तावित है. यह दर्शाता है कि कश्मीर अब आगे बढ़ रहा है और विकास के नए आयाम छूने को तैयार है। बेहतर होता महबूबा अपनी आँखों से नफरत की राजनीती का चश्मा उतारें।