साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने दूरसंचार ऑपरेटरों को 28200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही इन हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वेरिफाई करने के निर्देश जारी किए। दूरसंचार विभाग (DoT) ने साइबर क्राइम के मामले में ऐसा कदम उठाया है।

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केंद्र ने शुक्रवार को दूरसंचार ऑपरेटरों को 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया और इन हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वेरिफाई करने के निर्देश जारी किए।

संचार मंत्रालय ने आज एक बयान में साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी), गृह मंत्रालय (एमएचए) और राज्य पुलिस के सहयोग की घोषणा की। इस सहयोगात्मक प्रयास का उद्देश्य धोखेबाजों के नेटवर्क को नष्ट करना और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाना है।

28000 से ज्यादा मोबाइल फोन हुए ब्लॉक

गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि साइबर अपराधों में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया था। DoT ने आगे विश्लेषण किया और पाया कि इन मोबाइल हैंडसेटों के साथ आश्चर्यजनक रूप से 20 लाख नंबरों का उपयोग किया गया था।

इसके बाद, DoT ने पूरे भारत में 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने और इन हैंडसेट से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों का तत्काल पुन: सत्यापन करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रोवाइडर्स को निर्देश जारी किए। DoT ने दूरसंचार कंपनियों को री-वेरिफिकेशन में विफल होने पर कनेक्शन काटने का भी निर्देश दिया।

सुरक्षा के लिए उठाया कदम

संचार मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि एकीकृत दृष्टिकोण सार्वजनिक सुरक्षा और दूरसंचार बुनियादी ढांचे की अखंडता की रक्षा करने और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण सुनिश्चित करने के प्रति साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।